केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि देशभर में 29 मई से “विकसित कृषि संकल्प अभियान” की शुरुआत की जा रही है। यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत के निर्माण की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम होगा। इसका मुख्य उद्देश्य खेती को लाभकारी बनाना, वैज्ञानिक पद्धतियों से उत्पादन बढ़ाना और किसानों को सीधे लाभ पहुंचाना है।
वैज्ञानिकों की टीम गांव-गांव करेगी दौरा
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि इस अभियान के तहत देश के 723 जिलों में 2,170 वैज्ञानिक टीमों का गठन किया गया है। प्रत्येक टीम में 4 वैज्ञानिक होंगे जो कृषि विश्वविद्यालयों, ICAR के संस्थानों, राज्य कृषि विभाग और प्रगतिशील किसानों के साथ मिलकर गांवों में संवाद करेंगे। यह अभियान 29 मई से 12 जून तक चलेगा और इसमें लगभग 1.30 करोड़ किसानों से सीधा संवाद किया जाएगा।
किसानों को मिलेगा सटीक तकनीकी मार्गदर्शन
इन टीमों के माध्यम से किसानों को उनके क्षेत्र की एग्रो-क्लाईमेटिक स्थितियों के अनुसार सही बीज, खाद की मात्रा, मिट्टी परीक्षण, फसल चक्र और प्राकृतिक खेती के तरीकों की जानकारी दी जाएगी। साथ ही, बोवनी की विधि, उर्वरक का संतुलित प्रयोग, कीट नियंत्रण, और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से बचाव पर भी चर्चा की जाएगी।
रिसर्च आधारित समाधान और सुझाव
इस अभियान का एक अनूठा पहलू यह है कि इसमें किसानों की समस्याओं को सुनकर वैज्ञानिक अनुसंधान की दिशा तय की जाएगी। किसान अपनी स्थानीय समस्याएं जैसे फसल में कीटों का प्रकोप, भूमि की उर्वरता, या बीज की गुणवत्ता के बारे में सवाल पूछ सकेंगे, जिन पर वैज्ञानिक अपनी आगे की रिसर्च केंद्रित करेंगे।
उत्पादन में ऐतिहासिक वृद्धि
कृषि मंत्री ने बताया कि 2024-25 में देश का कुल खाद्यान्न उत्पादन 3,309.18 लाख टन तक पहुंच गया है, जो पिछले साल के 3,157.74 लाख टन से कहीं अधिक है। साथ ही, दालों और तिलहनों का उत्पादन भी उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है, जिससे देश की खाद्य सुरक्षा और पोषण स्तर मजबूत हुआ है।
अभियान से जुड़े होंगे ये विभाग
कृषि, बागवानी, पशुपालन, मछली पालन, FPOs और नवाचार किसानों के अलावा 731 कृषि विज्ञान केंद्र और ICAR के 113 संस्थान भी इस अभियान में भाग लेंगे। इस सामूहिक प्रयास से खेती को लाभकारी व्यवसाय में बदलने का प्रयास किया जाएगा।