ट्रंप का बड़ा बयान: भारत-पाक युद्ध हुआ तो अमेरिका नहीं करेगा व्यापारिक समझौता

वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम का श्रेय अपनी व्यापार नीति को देते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर दोनों देशों के बीच फिर से युद्ध होता है, तो अमेरिका किसी भी प्रकार का व्यापारिक समझौता नहीं करेगा।

ट्रंप ने एयरफोर्स वन से उड़ान भरने के बाद ज्वाइंट बेस एंड्रयूज में मीडिया से कहा, “हम भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ व्यापार समझौते के करीब हैं, लेकिन अगर वे युद्ध की राह पर बढ़ते हैं तो मैं कोई डील नहीं करूंगा।”

उन्होंने कहा कि अतीत में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होते रहे हैं और बाद में वे समझौते पर पहुंचे हैं, लेकिन अमेरिका ने व्यापार को माध्यम बनाकर परमाणु युद्ध की संभावना को टाला है। “मुझे गर्व है कि हमने गोलियों की जगह व्यापार को प्राथमिकता दी,” ट्रंप ने कहा।

भारत ने ठुकराया ट्रंप का दावा

ट्रंप के इस दावे को भारत ने पूरी तरह खारिज कर दिया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि किसी तीसरे पक्ष ने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव को समाप्त कराने में कोई भूमिका नहीं निभाई। उन्होंने दो टूक कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान समझौता सीधे बातचीत से हुआ।

लगातार बयानबाजी में ट्रंप

ट्रंप ने बीते 21 दिनों में लगभग 10 बार कहा है कि अमेरिका ने भारत-पाक युद्ध को रोका। एलन मस्क के एक कार्यक्रम से अलग होने के बाद आयोजित प्रेस वार्ता में भी उन्होंने इसी बात को दोहराया और कहा, “यह परमाणु तबाही में बदल सकता था। हमने दोनों देशों को रोका, और यह हमारे लिए उपलब्धि है।”

ट्रंप की चेतावनी: गोलीबारी करने वाले देशों से व्यापार नहीं

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “हम उन देशों से व्यापार नहीं कर सकते जो एक-दूसरे पर गोली चला रहे हों और परमाणु बटन के पास खड़े हों। दोनों देशों के नेताओं ने समझदारी दिखाई और हम युद्ध को टालने में सफल हुए।”

व्यापार समझौते पर भारत-अमेरिका की बातचीत

भारत और अमेरिका के बीच 25 जून तक एक अंतरिम व्यापार समझौते पर सहमति बनने की उम्मीद जताई जा रही है। भारतीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने वाशिंगटन में अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक से मुलाकात कर वार्ता को आगे बढ़ाया।

टैरिफ विवाद: अस्थायी राहत

अमेरिका ने भारत पर 26% टैरिफ लगाया था, जिसे अब 9 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। हालांकि, अमेरिकी बाजार में भारतीय उत्पादों पर अभी भी 10% बेसलाइन टैरिफ लागू है।

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