भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई से जारी संघर्षविराम पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर विवादित दावा किया है। ट्रंप ने आठ दिनों में सातवीं बार कहा है कि यह सीजफायर उनके प्रशासन की कूटनीतिक सफलता है। जबकि भारत सरकार पहले ही उनके इन बयानों को खारिज कर चुकी है।
भारतीय सेना द्वारा नौ पाकिस्तानी आतंकी ठिकानों को तबाह करने के बाद दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव कम हुआ है। इसके बावजूद ट्रंप लगातार इसे अपनी उपलब्धि बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच गुस्से का माहौल अच्छा नहीं था और अब जो हालात हैं, उससे अमेरिका खुश है।
एयर फोर्स वन में प्रेस से बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह शांति आगे भी बनी रहेगी। ट्रंप खाड़ी देशों की यात्रा के बाद अमेरिका लौट रहे थे। दौरे के दौरान उन्होंने सऊदी अरब, कतर और यूएई में अमेरिकी सैन्य ठिकानों का दौरा किया।
कतर के दोहा में अल उदीद एयर बेस पर अमेरिकी सैनिकों को संबोधित करते हुए ट्रंप ने फिर कहा कि अमेरिका ने भारत-पाक तनाव कम करने में भूमिका निभाई। यह वही जगह है, जिसे अमेरिका का पश्चिम एशिया में सबसे बड़ा सैन्य ठिकाना माना जाता है।
इस बीच, अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने भी कहा कि अमेरिका दोनों देशों के बीच संवाद को प्रोत्साहित करता है और सीजफायर से खुश है। उन्होंने कहा कि अमेरिका का रुख स्पष्ट है— वह भारत और पाकिस्तान को आपसी बातचीत के लिए प्रेरित करना चाहता है।
हालांकि, 15 मई को ट्रंप के रुख में अचानक बदलाव आया और उन्होंने अपने पुराने बयानों से पीछे हटने के संकेत दिए। इसके बाद से ही ट्रंप की विश्वसनीयता को लेकर अंतरराष्ट्रीय जगत में सवाल उठने लगे हैं।