क्या 2000 से ज़्यादा बीएड उम्मीदवारों को दोबारा मिलेगी सरकारी नौकरी?

भारत में शिक्षा की धारा में बदलाव लाने के लिए हमें समान अवसर प्रदान करने होंगे। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 2,000 से अधिक बीएड—क्वालिफाइड सहायक अध्यापकों को फिर से सरकारी नौकरी में शामिल करने का निर्णय इसी प्रयास का हिस्सा है।

17 जून से शुरू हो रही काउंसलिंग के दौरान यह स्पष्ट किया गया है कि उम्मीदवारों को “प्रिमियम” शहरों के बजाय ऐसा अनुसूचित संबद्ध क्षेत्र चुनना होगा। इनमें न केवल सीमावर्ती इलाकों की प्राथमिकता होगी, बल्कि अधिसूचित पिछड़े क्षेत्र भी शामिल हैं। इसका उद्देश्य इन इलाकों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाना है, जहाँ शैक्षणिक सुविधाओं की कमी अक्सर शिक्षा के स्तर को प्रभावित करती है।

इस पहल का सकारात्मक प्रभाव स्पष्ट है—छात्रों को बेहतर शिक्षक मिलेंगे और ग्रामीण समुदायों में पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार होगा। इसके अलावा, बीएड—उम्मीदवारों को सामाजिक रूप से एक नया अनुभव मिलेगा: जहाँ वे समुदाय की वास्तविक आवश्यकताओं को समझेंगे और शिक्षा को उस संदर्भ में ढालना सीखेंगे।

हालाँकि, इसमें बहुत कड़ी चुनौतियाँ भी हैं। सीमांत इलाकों में रहने‑खाने और आधारभूत सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करना आवश्यक है। परिवहन की सुविधा, इंटरनेट और संयोजन की चुनौतियों पर पहले से ही नजर रखनी चाहिए। यदि यह पहल सुचारू रूप से संचालित हुई, तो यह न केवल उन उम्मीदवारों बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक स्वर्णिम अवसर बन सकता है।

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