छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में राज्य सरकार ने 21 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति प्रदान कर दी है। आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने इस घोटाले में 36 लोगों को आरोपी बनाया है। इस फैसले से इन अधिकारियों पर कानूनी शिकंजा कसने का रास्ता साफ हो गया है। सूत्रों के अनुसार, जल्द ही इनकी गिरफ्तारी हो सकती है। जिन अफसरों को आरोपी बनाया गया है उनमें तत्कालीन अतिरिक्त निदेशक, संयुक्त निदेशक, उप निदेशक, जिला आबकारी अधिकारी और इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी शामिल हैं। जांच के दौरान EOW ने कई अधिकारियों से गहन पूछताछ की। बता दें, इसी मामले में शनिवार को राज्यभर में 13 ठिकानों पर छापेमारी कर दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक सबूत जब्त किए गए। गौरतलब है कि इस घोटाले में कई बड़े नाम पहले ही सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं, जिनमें राजनेता, पूर्व IAS अधिकारी और कारोबारी शामिल हैं। अभियोजन की मंजूरी के बाद EOW अब और सख्त कार्रवाई की तैयारी में है। जांच एजेंसी का कहना है कि घोटाले के सभी दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले में अब अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है। इस घोटाले की जांच के सिलसिले में EOW ने शनिवार को राज्य के 5 जिलों में 13 स्थानों पर छापा मारा था। ये छापे रायपुर, अंबिकापुर, जगदलपुर, दंतेवाड़ा और सुकमा में मारे गए थे। EOW ने जिन लोगों के 13 ठिकानों पर दबिश दी, उनमें ज्यादातर इसी मामले में जेल में बंद तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा के करीबी थे। जांच के दौरान EOW ने अंबिकापुर में एक कारोबारी के यहां से 19 लाख रुपए नगद जब्त किया था। इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और दस्तावेज भी जांच के लिए जब्त किए गए हैं। इस घोटाले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। जांच एजेंसियों का कहना है कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।