सट्टेबाजी ऐप्स का क्रेज युवाओं पर भारी: सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, सरकार से मांगा जवाब

देश में तेजी से फैल रही ऑनलाइन सट्टेबाजी की लत और इससे जुड़ी आत्महत्याओं ने सुप्रीम कोर्ट को गंभीर चिंता में डाल दिया है। अदालत ने केंद्र सरकार से जवाब मांगते हुए कहा कि सिर्फ कानून बना देना इस समस्या का हल नहीं है।

क्रिकेटर्स और सेलेब्स बढ़ा रहे सट्टेबाजी का दायरा

याचिका में दावा किया गया है कि देश के कई बड़े क्रिकेट स्टार्स और फिल्मी हस्तियां ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स का खुलेआम प्रचार कर रहे हैं। इसके चलते करीब 30 करोड़ युवा इस लत के शिकार बन चुके हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 1000 से ज्यादा आत्महत्याएं सट्टेबाजी की वजह से हो चुकी हैं। कोर्ट ने कहा कि ये केवल तकनीकी या कानूनी चुनौती नहीं, बल्कि सामाजिक आपदा बनती जा रही है।

सुप्रीम कोर्ट का तंज

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने टिप्पणी की:

> “जैसे हत्या को पूरी तरह नहीं रोका जा सकता, वैसे ही सट्टा भी केवल कानून से नहीं रुकेगा। आज एक ही व्यक्ति दो मोबाइल से अलग-अलग स्ट्रीम देख सकता है, इसे आप कैसे ट्रैक करेंगे?”

कोटा में छात्र आत्महत्याओं पर भी जताई चिंता

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राजस्थान सरकार से कोटा में बढ़ती आत्महत्याओं को लेकर जवाब मांगा।

> “आख़िर आत्महत्याएं सिर्फ कोटा में क्यों हो रही हैं? आपने अब तक क्या कदम उठाए?”

कोटा को देश का सबसे बड़ा कोचिंग हब माना जाता है, जहाँ लाखों छात्र हर साल मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए आते हैं।

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