एलन मस्क की स्पेस एजेंसी स्पेसएक्स ने एक बार फिर अपने सबसे बड़े और महत्वाकांक्षी रॉकेट “स्टारशिप” को लॉन्च किया, लेकिन लगातार तीसरी बार यह मिशन असफल रहा। टेक्सास स्थित स्टारबेस लॉन्च पैड से उड़ा 123 मीटर लंबा यह रॉकेट उड़ान के कुछ ही समय बाद नियंत्रण खो बैठा और कई टुकड़ों में बंट गया। अंतरिक्ष यान का मलबा हिंद महासागर और मैक्सिको की खाड़ी में जा गिरा। माना जा रहा है कि इस विफलता के पीछे ईंधन का रिसाव एक प्रमुख कारण रहा।
स्पेसएक्स ने कहा – “अगली उड़ान की तैयारी में जुटी है टीम”
स्पेसएक्स की ओर से जारी बयान में कहा गया, “हम उड़ान से प्राप्त डेटा का विश्लेषण कर रहे हैं और अगली टेस्टिंग की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।” एलन मस्क ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) पोस्ट में दावा किया कि इस बार पिछली उड़ानों के मुकाबले “बेहतर प्रदर्शन” देखने को मिला। इससे पहले स्टारशिप की दोनों उड़ानें अटलांटिक और कैरेबियन सागर में गिरकर खत्म हो चुकी थीं।
स्टारशिप से जुड़ी कुछ प्रमुख बातें:
- यह पहली बार था जब रीसायकल किए गए बूस्टर का प्रयोग किया गया।
- लॉन्चिंग के दौरान बूस्टर से संपर्क टूट गया और वह मैक्सिको की खाड़ी में जा गिरा।
- अंतरिक्ष यान का मलबा हिंद महासागर में बिखर गया।
- कंपनी रॉकेट के ताप कवच का परीक्षण करना चाहती थी लेकिन संचार समय से पहले टूट गया।
चंद्रमा और मंगल पर भेजने के लिए बना है यह रॉकेट
स्टारशिप को भविष्य में चंद्रमा और मंगल पर मानव मिशन के लिए तैयार किया जा रहा है। नासा को उम्मीद है कि अगले साल यह रॉकेट चंद्रमा की परिक्रमा करेगा, हालांकि सतह पर उतरना 2027 से पहले संभव नहीं है। इसके लिए कई सफल टेस्टिंग आवश्यक हैं।
एलन मस्क की योजना के अनुसार, हर 3 से 4 सप्ताह में एक नई स्टारशिप की उड़ान होगी। हालांकि, इस बार की नाकामी ने फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या कंपनी जल्दबाजी में है?