यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने तुर्किये में होने जा रही शांति वार्ता से पूर्व रूस पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि रूस की मंशा युद्ध समाप्त करने की नहीं है, और उसका रवैया वार्ता को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं दिखता।
शांति वार्ता इस्तांबुल में आयोजित हो रही है, जहां 30 दिनों के संघर्षविराम पर चर्चा की जाएगी। इसमें यूक्रेन और रूस के प्रतिनिधिमंडलों के साथ अमेरिका भी मध्यस्थ की भूमिका में शामिल होगा।
जेलेंस्की ने कहा कि उनके प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री, राष्ट्रपति कार्यालय प्रमुख, रक्षा मंत्री, सेना प्रमुख और खुफिया विभाग के अधिकारी शामिल हैं, जिससे यूक्रेन की गंभीरता जाहिर होती है।
उन्होंने रूस के प्रतिनिधिमंडल को लेकर चिंता जताई और कहा कि वहां से शीर्ष नेतृत्व नदारद है। जेलेंस्की ने यह भी कहा कि रूस ने बेहद निचले स्तर का प्रतिनिधिमंडल भेजकर यह स्पष्ट कर दिया है कि वह केवल दिखावे की वार्ता करना चाहता है।
तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन और उनकी टीम को धन्यवाद देते हुए जेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन किया है और क्रीमिया को यूक्रेन का हिस्सा मानने की बात भी उठाई है।
अंत में जेलेंस्की ने जोर देकर कहा, “हम वार्ता में भाग लेंगे ताकि युद्धविराम का कोई रास्ता निकल सके, लेकिन पुतिन की मंशा लड़ाई खत्म करने की नहीं दिखती।”