रेड 2 की कहानी एक बार फिर ईमानदार आईआरएस अधिकारी अमय पटनायक के इर्द-गिर्द घूमती है, लेकिन इस बार चुनौती बड़ी है और विलेन और भी चालाक। हालांकि, स्क्रिप्ट इस बार उतनी असरदार नहीं बन पाई जितनी पहली फिल्म में थी। कई जगह कहानी में ड्रामा ज्यादा और लॉजिक कम नजर आता है।
रितेश देशमुख ने लूटी महफिल
रितेश देशमुख ने ‘दादा भाई’ के निगेटिव रोल में सराहनीय काम किया है। वहीं अजय देवगन का परफॉर्मेंस हमेशा की तरह संतुलित और प्रभावशाली रहा है। दोनों के बीच की भिड़ंत फिल्म को मजबूती देती है।
निर्देशन और तकनीकी पक्ष
राज कुमार गुप्ता की निर्देशन क्षमता इस बार पहले जैसी धार नहीं दिखा पाई। गानों की टाइमिंग और धीमी शुरुआत फिल्म की रफ्तार पर असर डालती है। एडिटिंग थोड़ी टाइट होती तो फिल्म का असर और बेहतर हो सकता था।
कुल मिलाकर
रेड 2 एक बार देखने लायक फिल्म है। कहानी में कुछ खामियां जरूर हैं, लेकिन दमदार एक्टिंग उसे संभाल लेती है। खासकर अजय और रितेश की टक्कर ही फिल्म की जान है।
रेटिंग: ⭐⭐⭐ (3/5)