भोपाल में हुई कांग्रेस की रणनीतिक बैठक में राहुल गांधी ने एक ऐसा बयान दिया जिसने सियासी गलियारों में खलबली मचा दी। उन्होंने कहा:
“रेस, बारात और लंगड़े घोड़े के बीच फर्क समझिए। हमारे संगठन में अब ऐसे भी घोड़े हैं जो किराए के लगते हैं। कांग्रेस के अस्तबल में जो असली घोड़े बंधे हैं, अब उन्हें खोलने की जरूरत है।”
कांग्रेस संगठन ने दूसरे पार्टी से आए हुए नेताओं को पार्टी की जवाबदारी दी है ऐसा प्रतीत होता है कि यह राहुल गांधी के चौथे ,किराए के घोड़े है जैसे:
राजेन्द्र पाल गौतम – SC विभाग चेयरमैन (पूर्व आम आदमी पार्टी)
अनिल जय हिन्द – OBC विभाग चेयरमैन (पूर्व जनता पार्टी)
उदित राज – असंगठित श्रमिक विभाग अध्यक्ष (पूर्व भारतीय जनता पार्टी)
राहुल गांधी के इस कटाक्ष भरे बयान को पार्टी के पुराने और निष्ठावान कार्यकर्ताओं के पक्ष में एक संकेत माना जा रहा है। कांग्रेस के आंतरिक सूत्रों के अनुसार, अब पार्टी नेतृत्व उन लोगों को तरजीह देना चाहता है जो वर्षों से कांग्रेस के मूल संगठन से जुड़े रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषक इसे “दल-बदल से थकी कांग्रेस की नई चेतावनी” मान रहे हैं, जहां किराए के घोड़े सिर्फ मंच सजाते हैं, पर दौड़ नहीं जीतते।