तीन देशों की विदेश यात्रा के पहले पड़ाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साइप्रस पहुंचे, जहां उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने उन्हें प्रदान किया।
सम्मान समारोह के बाद दोनों नेताओं ने साझा प्रेस वार्ता की। राष्ट्रपति निकोस ने भारत के आतंकवाद विरोधी प्रयासों का खुलकर समर्थन किया और इस लड़ाई में भारत के साथ खड़े रहने की प्रतिबद्धता जताई। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति को भारत यात्रा का आमंत्रण भी दिया।
सम्मान मिलने पर पीएम मोदी ने कहा, “मैं साइप्रस सरकार और वहां की जनता का दिल से आभार प्रकट करता हूं। यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों का है। यह हमारी संस्कृति, हमारी क्षमताओं और वसुधैव कुटुम्बकम की भावना का सम्मान है।”
पीएम मोदी ने इस सम्मान को भारत और साइप्रस की मजबूत दोस्ती और साझा मूल्यों को समर्पित किया। उन्होंने कहा, “यह पुरस्कार शांति, सुरक्षा, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति हमारी अडिग प्रतिबद्धता का प्रतीक है।”
उन्होंने विश्वास जताया कि भारत और साइप्रस के द्विपक्षीय संबंध भविष्य में नई ऊँचाइयाँ छुएंगे। उन्होंने कहा कि दोनों देश न केवल आपसी प्रगति के लिए, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए मिलकर काम करेंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भी पीएम मोदी को मिले इस सम्मान को दोनों देशों की साझेदारी और वैश्विक शांति के प्रति साझा दृष्टिकोण का प्रतीक बताया।
जानकारी के लिए बता दें कि साइप्रस का यह सर्वोच्च सम्मान उनके पहले राष्ट्रपति आर्कबिशप मकारियोस III के नाम पर दिया जाता है। इससे पहले यह सम्मान भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला II, जर्मनी के पूर्व राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टीनमीयर और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव जैसे वैश्विक नेताओं को मिल चुका है।