भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सीमा तनाव के बाद पाकिस्तान एक बार फिर बातचीत के लिए भारत के दरवाजे पर पहुंच गया है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सभी विवादित मुद्दों का हल सिर्फ ठोस और व्यापक वार्ता से ही संभव है।
बिलावल भुट्टो ने ब्रसेल्स यात्रा के दौरान जर्मन मीडिया डीडब्ल्यू उर्दू को दिए साक्षात्कार में यह भी कहा कि दोनों देशों को अब स्थायी समाधान की ओर बढ़ना चाहिए। हालांकि, उन्होंने बातचीत की अपील के साथ-साथ भारत को अप्रत्यक्ष धमकी भी दी। भुट्टो ने कहा कि अगर भारत पानी रोकने की कोशिश करता है, तो यह पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए सीधा खतरा होगा और फिर युद्ध का रास्ता ही बचेगा।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की अपील
बिलावल ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी अपील की कि वे भारत पर दबाव बनाएं ताकि बातचीत की प्रक्रिया फिर से शुरू हो सके। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान युद्ध नहीं चाहता लेकिन राष्ट्रीय हितों, खासकर पानी जैसे विषयों पर कोई समझौता नहीं करेगा। कश्मीर, आतंकवाद और जल विवाद पर भी समाधान की बात कही गई।
भारत का स्पष्ट संदेश: आतंकवाद पर ही होगी बातचीत
भारत ने पाकिस्तान की बातचीत की पेशकश पर सख्त रुख अपनाते हुए दो टूक कहा है कि पाकिस्तान से वार्ता सिर्फ आतंकवाद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) जैसे मुद्दों पर ही संभव है। भारत ने साफ कर दिया कि किसी भी अन्य विषय पर बातचीत का कोई औचित्य नहीं है। बता दें कि 2003 में शुरू हुई ‘कॉम्पोज़िट डायलॉग’ प्रक्रिया 2008 के मुंबई हमलों के बाद बंद हो गई थी।
हालिया संघर्ष की पृष्ठभूमि
बिलावल का यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में 7 मई को भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान और POK में आतंकियों के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। जवाब में पाकिस्तान ने भी 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन भारत ने सख्ती से जवाब दिया। इसके बाद 10 मई को दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच संघर्ष विराम पर सहमति बनी थी।