लंदन में भारतीय सांसदों के एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला है। भाजपा सांसद गुलाम अली खटाना ने कहा कि पाकिस्तान एक तरफ दुनिया से भीख मांगता है और दूसरी तरफ आतंकवाद को बढ़ावा देता है। वे भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ यूरोप दौरे पर हैं। रविवार को इंडिया हाउस में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए उन्होंने पाकिस्तान के दोहरे रवैये की तीखी आलोचना की।
उन्होंने कहा कि संसद के सदस्य दुनिया को यह संदेश देने आए हैं कि भारत आतंकवाद को कुचलना जानता है और उसे किसी मध्यस्थता की आवश्यकता नहीं है। खटाना ने कहा, “हम लड़ाई करेंगे, हमारी सेना मोर्चे पर लड़ेगी और हम कूटनीतिक व सोशल मीडिया की लड़ाई लड़ेंगे। हम अब चुप नहीं रहेंगे।”
खटाना ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद लोकतांत्रिक भागीदारी में वृद्धि को पाकिस्तान की परेशानी का कारण बताया। उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान को अपनी नदियों का 80 प्रतिशत पानी देता है, लेकिन बदले में घुसपैठ, ड्रग्स और आतंकवाद झेलता है। पाकिस्तान को यह बात बर्दाश्त नहीं हो रही कि कश्मीर अब शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक और पर्यटन से भरपूर क्षेत्र बन गया है।
खटाना ने कहा, “पाकिस्तान की मंशा पूरे भारत में अशांति फैलाने की है। बीते तीन दशकों में 4000 से अधिक लोग मारे गए हैं। हजारों बच्चे अनाथ हुए हैं। खासकर कश्मीरी पंडितों को उनके घरों से बेदखल किया गया। यह सब पाकिस्तान की साजिश का नतीजा है।”
पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने भी पाकिस्तान को आतंक का जनक बताते हुए कहा कि पहलगाम और अन्य स्थानों पर हुआ हमला फासीवाद और जातीय संहार का रूप था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का जन्म किसी लोकप्रिय आंदोलन से नहीं, बल्कि 1946 के कलकत्ता नरसंहार और 1971 के ढाका नरसंहार जैसे हिंसक घटनाओं के बाद हुआ।
उन्होंने गांधीजी का उदाहरण देते हुए कहा कि जब 22 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तान ने कश्मीर में सीमा पार से 5000 आतंकवादी भेजे, तब गांधीजी ने साफ कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ अहिंसा नहीं चलेगी। उन्होंने माउंटबेटन से कहा था कि राज्य को खड़ा होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय सेना आतंकवाद के खिलाफ कभी पीछे नहीं हटेगी।
अकबर ने जोर देकर कहा, “हम कभी पीछे नहीं हटेंगे। इसी संकल्प और एकता में भारत अपना भविष्य खोजेगा।”