छत्तीसगढ़ की सियासत में इन दिनों मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट तेज हो गई है। इसी बीच पूर्व IAS और बीजेपी के कद्दावर नेता ओपी चौधरी का बयान चर्चा में है। पत्रकारों द्वारा शिक्षा मंत्री बनाए जाने की संभावनाओं पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा— “मुझे क्या जिम्मेदारी मिलेगी, इसका फैसला मुख्यमंत्री करेंगे। मैं पार्टी का सिपाही हूं और जो आदेश मिलेगा, उसका पालन करूंगा।”उन्होंने आगे कहा कि सरकार और संगठन मिलकर जनता के हित में काम कर रहे हैं। “हमारे लिए पद मायने नहीं रखता, बल्कि सेवा का मौका महत्वपूर्ण है,” उन्होंने स्पष्ट किया।ओपी चौधरी, जो हालिया चुनावों में बीजेपी की रणनीति के प्रमुख चेहरा रहे हैं, का नाम मंत्रिमंडल में शामिल होने वालों में प्रमुखता से लिया जा रहा है। खासतौर पर शिक्षा मंत्री पद की चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं। हालांकि उन्होंने खुद को किसी पद के लिए प्रोजेक्ट करने से इनकार किया है।सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार की घोषणा कर सकते हैं, जिसमें नए चेहरों को मौका मिलने की संभावना है। ओपी चौधरी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब संगठन के अंदरूनी समीकरण और क्षेत्रीय संतुलन साधने की कोशिशें तेज हो गई हैं।