छत्तीसगढ़ से एक बड़ा धार्मिक आदेश सामने आया है। छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड ने स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा है कि मुस्लिम समाज में निकाह (विवाह) पढ़ाने के लिए मौलवी, हाफिज, कारी, ईमाम आदि अब 11 रुपये से अधिकतम 1100 रुपये तक ही शुल्क ले सकेंगे। यह निर्णय समाज में बढ़ते अनावश्यक आर्थिक बोझ को कम करने के उद्देश्य से लिया गया है।
वक्फ बोर्ड को कई शिकायतें प्राप्त हुई थीं कि निकाह पढ़ाने के नाम पर मनमाने ढंग से मोटी रकम वसूली जाती है, जो शरीयत के खिलाफ है। ऐसे में गरीब और कमजोर परिवारों को बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए यह सीमा निर्धारित की गई है।
यदि कोई मूतवल्ली या संबंधित संस्था इस आदेश का पालन नहीं करती है, तो उसके विरुद्ध वक्फ अधिनियम 1995 व संशोधन 2025 की धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही निकाह रजिस्टर की प्रतिलिपि भी वक्फ बोर्ड को देना अनिवार्य रहेगा।
इस आदेश को वक्फ बोर्ड अध्यक्ष की अनुमति के साथ जारी किया गया है और राज्य के समस्त मूतवल्ली, मस्जिद, मदरसा, दरगाह, ईदगाह को इसकी सूचना भेज दी गई है।