पश्चिम अफ्रीका के नाइजीरिया में आतंक का नया चेहरा सामने आया है। बोर्नो राज्य के बागा क्षेत्र स्थित दो गांवों — माल्लम करामती और क्वातंदाशी — में जेएएस (जमातु अहलिस सुन्ना लिद्दावति वल-जिहाद) आतंकियों ने नरसंहार कर 57 निर्दोष ग्रामीणों की हत्या कर दी। साथ ही 70 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं।
ग्रामीणों को जंगल ले जाकर गला रेतकर हत्या
चश्मदीदों के मुताबिक, आतंकियों ने गांव के 100 से ज्यादा लोगों को जबरन इकट्ठा कर जंगल में ले जाकर क्रूरता से हत्या की। कई लोगों की गर्दन रेत दी गई। शनिवार को 57 शव बरामद हुए। यह हमला इतना सुनियोजित था कि कई इलाकों में अब भी शवों की तलाश जारी नहीं हो पाई है, क्योंकि स्थानीय लोग डरे हुए हैं और सेना की सहायता भी नहीं मिल पा रही।
मुखबिरी के आरोप में की गई हत्या
स्थानीय नागरिकों के अनुसार, जेएएस ने यह हमला इस संदेह में किया कि गांववाले प्रतिद्वंद्वी आतंकी संगठन ISWAP (इस्लामिक स्टेट वेस्ट अफ्रीका प्रॉविंस) को सूचना दे रहे थे। ISWAP जहां मुख्य रूप से सुरक्षाबलों पर हमला करता है, वहीं जेएएस नागरिकों पर हमला, अपहरण और लूटपाट के लिए बदनाम है।
सरकार की चुप्पी, सेना का जवाब नहीं
बोर्नो राज्य सरकार ने इस घटना में मारे गए लोगों की पुष्टि से इनकार कर दिया है। न ही नाइजीरियाई सेना की ओर से कोई आधिकारिक बयान आया है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन की निष्क्रियता के कारण ही लापता लोगों की तलाश में देरी हो रही है।
पंद्रह वर्षों से आतंक का साया
साल 2009 से नाइजीरिया में सक्रिय बोको हराम और उसके गुट जेएएस के हमलों में अब तक 35,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और 26 लाख से अधिक नागरिक बेघर हो गए हैं। इन आतंकियों का उद्देश्य नाइजीरिया, चाड, नाइजर और कैमरून में इस्लामी शासन स्थापित करना है। हालांकि सरकार बार-बार दावा करती है कि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन इस तरह के नरसंहार उसके दावे को खोखला साबित कर रहे हैं।