गुजरात, राजस्थान, पंजाब और जम्मू-कश्मीर जैसे सीमावर्ती राज्यों में 29 मई की शाम को बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इसका उद्देश्य किसी भी आकस्मिक युद्ध या आतंकी हमले की स्थिति में नागरिक सुरक्षा को मजबूत बनाना है। केंद्र सरकार के आदेश पर यह मॉक ड्रिल नागरिक सुरक्षा योजना के तहत की जा रही है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की ओर से हुए हमलों की पृष्ठभूमि में यह अभ्यास अहम माना जा रहा है। दरअसल, भारत द्वारा किए गए सर्जिकल ऑपरेशन के जवाब में पाकिस्तान ने नागरिक इलाकों पर ड्रोन और मिसाइल हमले की कोशिशें की थीं, जिसे भारतीय सुरक्षा बलों ने विफल कर दिया था।
राजस्थान के बाड़मेर जिले की कलेक्टर टीना डाबी ने पुष्टि की कि 29 मई को सीमावर्ती जिलों में मॉक ड्रिल आयोजित होगी, जिसमें लोगों को प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है।
मुख्य बातें जो मॉक ड्रिल में शामिल होंगी:
- सायरन चेतावनी: हवाई हमले की संभावना का संकेत देने के लिए सायरन बजाया जाएगा।
- सुरक्षित निकासी अभ्यास: नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने का पूर्वाभ्यास कराया जाएगा।
- ब्लैकआउट प्रशिक्षण: बिजली बंद होने की स्थिति में कैसे प्रतिक्रिया दें, इसकी जानकारी दी जाएगी।
- सामरिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा: महत्वपूर्ण फैक्ट्रियों और संरचनाओं को छिपाने की रणनीति बताई जाएगी।
- प्राथमिक चिकित्सा और मदद: नागरिकों को प्राथमिक चिकित्सा और संकट की स्थिति में अन्य लोगों की मदद करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
पिछली मॉक ड्रिल 7 मई को देशभर में की गई थी, जिसमें स्कूली छात्रों और नागरिकों को युद्ध जैसी स्थिति में व्यवहार की ट्रेनिंग दी गई थी। अब दोबारा सीमावर्ती क्षेत्रों में यह ड्रिल सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती का संकेत देती है।