राजधानी रायपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मेकाहारा में सुरक्षा के नाम पर तैनात बाउंसर अब खुद ही डर का कारण बन गए हैं। अस्पताल में तैनात निजी कंपनी ‘कॉल मी सर्विस’ के कर्मचारियों पर महिला स्वास्थ्यकर्मियों से बदसलूकी और मरीजों के परिजनों से जबरन वसूली करने के गंभीर आरोप लगे हैं।
कर्मचारी बोले – अब डर के साये में काम करना पड़ रहा
अस्पताल में तैनात नर्स और अन्य महिला स्टाफ का कहना है कि बाउंसर आए दिन गलत तरीके से व्यवहार करते हैं। कई बार तो स्टाफ से ऊंची आवाज़ में बात करते हैं, गाली-गलौज करते हैं और धमकाते भी हैं। एक नर्स ने बताया, “हम लोग मरीजों की सेवा में जुटे रहते हैं, लेकिन ये लोग हमें ही धमकाते हैं। कई बार टोकाटाकी इतनी बढ़ जाती है कि ड्यूटी करना मुश्किल हो जाता है।”
वसूली का आरोप – स्ट्रेचर और एंबुलेंस के नाम पर पैसे
‘कॉल मी सर्विस’ के कर्मचारियों पर आरोप है कि वे मरीजों के परिजनों से स्ट्रेचर और एंबुलेंस जैसी सुविधाओं के नाम पर अवैध रूप से पैसे वसूलते हैं। जबकि ये सारी सुविधाएं अस्पताल द्वारा मुफ्त दी जाती हैं। एक मरीज के परिजन ने बताया, “एमरजेंसी में स्ट्रेचर मांगा तो पहले पैसे मांगे, फिर जाकर सेवा दी।”
कर्मचारी संघ ने खोला मोर्चा
मामला सामने आने के बाद कर्मचारी संघ ने इस पर सख्त ऐतराज़ जताया है। उनका कहना है कि जब सुरक्षा कर्मचारी ही महिला स्टाफ और मरीजों के परिजनों को परेशान करने लगें, तो अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल उठना लाज़मी है। संघ ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे।
प्रशासन मौन, जांच की मांग तेज
इस पूरे मामले पर अस्पताल प्रशासन की ओर से अब तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, मामले की गंभीरता को देखते हुए कर्मचारियों ने स्वास्थ्य विभाग से भी जांच कराने की मांग की है। अब देखना होगा कि क्या प्रशासन इन दबंग बाउंसरों पर लगाम कसता है या फिर मामला फाइलों में ही दफन हो जाएगा।