अहमदाबाद। 12 जून को अहमदाबाद में हुई एक भीषण विमान दुर्घटना ने पूरे देश को सदमे में डाल दिया। इस भयावह हादसे में जहां कई ज़िंदगियाँ असमय काल के गाल में समा गईं, वहीं मलबे से एक ऐसा चमत्कार सामने आया जिसने सभी को हैरान कर दिया। मलबे के बीच से भगवद गीता की एक प्रति सुरक्षित मिली, जो न जली, न धुंधली हुई।
जब राहत और बचाव दल विमान के बिखरे हिस्सों को खंगाल रहे थे, तब राख, धुएं और जली हुई चीज़ों के बीच भगवद गीता जस की तस पाई गई। यह देखना चौंकाने वाला था कि जहां चारों ओर आग ने सब कुछ राख कर दिया, वहीं गीता पूरी तरह सुरक्षित बची रही।
आस्था का संदेश या ईश्वरीय चमत्कार?
इस घटना को कई लोग चमत्कार मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे ईश्वर का संकेत बता रहे हैं। शायद यह गीता का संदेश है कि जीवन नश्वर हो सकता है, लेकिन धर्म, ज्ञान और सत्य कभी समाप्त नहीं होते। जब भौतिक संसार समाप्त हो जाता है, तब भी आत्मा और सच्चा ज्ञान अमर रहता है।
पूरे देश में श्रद्धा की लहर
मलबे में गीता मिलने की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। लोग इसे ईश्वर की कृपा और आस्था की शक्ति का प्रतीक मान रहे हैं। कई मंदिरों और धार्मिक संस्थानों में इस गीता की विशेष पूजा भी की जा रही है।
यह घटना हमें यह सिखाती है कि चाहे जीवन में कितनी भी बड़ी आपदाएँ क्यों न आ जाएं, धर्म और सच्चा ज्ञान कभी नष्ट नहीं होते। मलबे में सुरक्षित मिली भगवद गीता आज करोड़ों लोगों के विश्वास की लौ को फिर से प्रज्वलित कर रही है।