मीठा जादू या सेहत का खतरा? जानिए लीची से जुड़ी पूरी सच्चाई

गर्मियों की शुरुआत के साथ ही बाजारों में एक रसीला और मीठा फल नजर आने लगता है – लीची। गुलाबी छिलके में छिपा इसका सफेद गूदा न केवल स्वाद में बेमिसाल होता है, बल्कि पोषण से भरपूर भी होता है। पोटेशियम, विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरी लीची को अक्सर एक हेल्दी फ्रूट के रूप में देखा जाता है। लेकिन जहां इसके फायदे अनगिनत हैं, वहीं कुछ मामलों में यह गंभीर नुकसान भी पहुंचा सकती है।

लीची का सेवन शरीर को ठंडक पहुंचाने के साथ-साथ इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है। इसमें मौजूद विटामिन C संक्रमण से बचाव करता है, और त्वचा व बालों की सेहत में भी सुधार लाता है। इसके अलावा यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करता है और वजन घटाने में सहायक मानी जाती है, क्योंकि यह फाइबर से भरपूर होती है जो पाचन तंत्र को बेहतर बनाती है।

लेकिन हर चमकती चीज़ सोना नहीं होती। लीची उन लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकती है जिन्हें डायबिटीज है। इसका प्राकृतिक शुगर लेवल काफी ज्यादा होता है, जिससे ब्लड शुगर अचानक बढ़ सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, बच्चों को खाली पेट लीची देने से भी बचना चाहिए। बिहार में हुई घटनाएं इसका उदाहरण हैं, जहां खाली पेट लीची खाने से बच्चों को हाइपोग्लाइसीमिया (खून में शुगर की अत्यधिक कमी) हो गया था।

इसके अलावा, जिन लोगों को किसी भी फल से एलर्जी की समस्या होती है, उन्हें लीची खाते समय सावधानी बरतनी चाहिए। त्वचा पर रैशेज़, खुजली या सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

डाइटीशियन मानते हैं कि लीची को सही मात्रा और सही समय पर खाया जाए तो यह सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती है। लेकिन अति किसी भी चीज की बुरी होती है, और लीची भी इससे अछूती नहीं है।

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