छत्तीसगढ़ की सियासत में हलचल मचाने वाले 2000 करोड़ रुपये के बहुचर्चित शराब घोटाले में एसीबी को एक और बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेहद करीबी माने जाने वाले शराब कारोबारी विजय भाटिया को आखिरकार एसीबी ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है।
सूत्रों के मुताबिक, विजय भाटिया लंबे समय से जांच एजेंसियों की नजर में था और लगातार फरार चल रहा था। एसीबी की एक विशेष टीम ने रविवार सुबह दिल्ली स्थित उसके ठिकाने पर दबिश देकर उसे अरेस्ट किया। गिरफ्तार करने के तुरंत बाद टीम उसे फ्लाइट से रायपुर लेकर रवाना हुई है। रायपुर पहुंचने के बाद आरोपी से पूछताछ के साथ ही अन्य कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी।
गिरफ्तारी के साथ ही भाटिया के कई ठिकानों पर भी एक साथ छापेमारी की गई। रविवार तड़के से ही एसीबी की अलग-अलग टीमें सक्रिय हो गईं और दस्तावेजों की गहन जांच में जुट गई हैं। बताया जा रहा है कि इन ठिकानों से कई अहम दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जब्त किए गए हैं जो जांच में बड़ा मोड़ ला सकते हैं।
एसीबी की इस कार्रवाई में 6 से ज्यादा सीनियर अधिकारी शामिल थे, जिन्होंने रणनीतिक तरीके से ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस पूरे घोटाले की परतें एक-एक कर खुलती जा रही हैं और अब माना जा रहा है कि पूछताछ में कई और बड़े नामों का खुलासा हो सकता है।
एसीबी पहले ही कई आरोपियों से पूछताछ कर चुकी है और अब विजय भाटिया की गिरफ्तारी को इस केस की सबसे अहम कड़ी माना जा रहा है।
यह है पूरा मामला:
बताया जा रहा है कि यह शराब घोटाला करीब 2000 करोड़ रुपये का है, जिसमें सरकारी तंत्र और निजी शराब माफिया की मिलीभगत से राजस्व का भारी नुकसान हुआ। शराब की सप्लाई, रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस से लेकर कमीशन तक में भारी गड़बड़ी सामने आई है। इस घोटाले की जांच के दौरान कई बड़े राजनीतिक और प्रशासनिक नामों का सामने आना अभी बाकी है।