पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आतंकवाद की आग बुझने का नाम नहीं ले रही है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, साल 2025 की शुरुआत से लेकर अब तक इस प्रांत में 284 आतंकवादी घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं, जिनमें आम नागरिकों के साथ-साथ सुरक्षाबलों को भी गंभीर नुकसान झेलना पड़ा है। यह क्षेत्र पहले से ही आतंकवाद की गिरफ्त में रहा है, और अब हालात और बदतर होते जा रहे हैं।
किन इलाकों में आतंक की जड़ें गहरी हैं?
आतंकवाद निरोधक विभाग की रिपोर्ट बताती है कि सबसे ज्यादा आतंकवादी हमले उत्तर वजीरिस्तान में हुए हैं, जहां 53 वारदातें दर्ज की गई हैं। इसके बाद बन्नू (35), डेरा इस्माइल खान (31), पेशावर (13), और कुर्रम (8) जिले प्रमुख रूप से प्रभावित रहे हैं। इन इलाकों में सुरक्षा बलों की चुनौती लगातार बढ़ती जा रही है।
कितने आतंकवादी मारे गए?
2025 में अब तक 148 आतंकवादी मारे जा चुके हैं। सबसे ज्यादा 67 आतंकी डेरा इस्माइल खान जिले में ढेर हुए हैं, जो मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर का गृह क्षेत्र भी है। रिपोर्ट के अनुसार 1,116 संदिग्ध आतंकियों की पहचान की जा चुकी है, लेकिन इनमें से अब तक केवल 95 को ही गिरफ्तार किया जा सका है।
क्या पिछले सालों से बढ़े हैं हमले?
पिछले आंकड़े बताते हैं कि आतंकवादी घटनाओं में बढ़ोतरी जारी है। 2022 में 651 और 2023 में 732 हमले हुए थे। यह संख्या 2009 और 2010 के बाद सबसे ज्यादा रही है। 2021 के मध्य से खैबर पख्तूनख्वा की कानून व्यवस्था लगातार बिगड़ती रही है और अब स्थिति और चिंताजनक हो गई है।
पुलिस मुख्यालय पर भी हुआ था आत्मघाती हमला
जनवरी 2023 में पेशावर स्थित पुलिस मुख्यालय की मस्जिद में आत्मघाती हमला हुआ था, जिसमें 86 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे और 200 से ज्यादा घायल हुए थे। यह घटना अब तक के सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक थी। बीते वर्षों में आतंकवादियों ने केवल सुरक्षा बलों को ही नहीं, बल्कि धार्मिक नेताओं, राजनेताओं और समाज के प्रभावशाली लोगों को भी निशाना बनाया है।