कर्नाटक और त्रिपुरा में आपात स्थितियों से निपटने की तैयारियों को परखने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। शनिवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय की कलबुर्गी पीठ में एक व्यापक मॉक ड्रिल की गई, जिसका उद्देश्य बम विस्फोट जैसी स्थितियों से निपटने की रणनीतियों का अभ्यास करना था।
इस ड्रिल के दौरान राहत एवं बचाव कार्य, भीड़ नियंत्रण और घायलों को तत्काल चिकित्सा सुविधा पहुंचाने जैसे कदमों का अभ्यास किया गया। जिलाधिकारी फौजिया तरन्नुम ने बताया कि ‘ऑपरेशन अभ्यास’ अभियान के अंतर्गत इस मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न सरकारी विभागों के बीच समन्वय और प्रतिक्रिया क्षमता की समीक्षा की गई।
मॉक ड्रिल में न्यायमूर्ति इंद्रेश सहित उच्च न्यायालय के कर्मचारियों, बार एसोसिएशन, पुलिस, राजस्व विभाग, अग्निशमन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, केएसआईएसएफ, एनएसएस, एनसीसी और रेड क्रॉस जैसी संस्थाओं ने भाग लिया। यह अभ्यास आम नागरिकों की उपस्थिति में किया गया जिससे वास्तविक स्थिति के आकलन में मदद मिली।
वहीं, त्रिपुरा के अगरतला स्थित महाराजा बीर बिक्रम एयरपोर्ट पर भी शुक्रवार शाम 5 बजे से 6 बजे तक एक मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इस ड्रिल का उद्देश्य आतंकी हमले जैसी गंभीर घटनाओं से निपटने के लिए सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता और आपसी तालमेल की जांच करना था। इसमें सीआईएसएफ, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, अग्निशमन विभाग, भारतीय सेना, असम राइफल्स, सीआरपीएफ, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के कुल 186 सदस्यों ने भाग लिया।
इस अभ्यास के दौरान विशेष रूप से आपात प्रोटोकॉल की प्रभावशीलता, प्रतिक्रिया समय और एजेंसियों के बीच समन्वय की दक्षता को परखा गया।