नई दिल्ली। आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने वाले करोड़ों टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी खबर सामने आई है। इनकम टैक्स विभाग ने असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए सभी 7 ITR फॉर्म को अधिसूचित (notified) कर दिया है। इसमें ITR-1 सहज से लेकर ITR-7 तक के फॉर्म शामिल हैं, जो अलग-अलग वर्गों के करदाताओं के लिए निर्धारित हैं।
ITR-1 और ITR-4 में हुआ बड़ा बदलाव
इस वर्ष ITR-1 और ITR-4 फॉर्म में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है, जिससे सूचीबद्ध शेयरों से होने वाले दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (LTCG) को दिखाना अब और आसान हो गया है। अब ऐसे करदाता जिनकी LTCG ₹1.25 लाख तक है, वे ITR-2 की बजाय ITR-1 या ITR-4 के माध्यम से रिटर्न दाखिल कर सकेंगे।
पहले ऐसी स्थिति में करदाताओं को केवल ITR-2 भरना पड़ता था, जो अपेक्षाकृत जटिल होता था। नए बदलाव के बाद रिटर्न दाखिल करना पहले की तुलना में कहीं ज्यादा सरल और अनुकूल हो गया है।
ध्यान दें: टैक्स कानून के मुताबिक, सूचीबद्ध इक्विटी और म्यूचुअल फंड से होने वाले ₹1.25 लाख तक के LTCG पर कोई टैक्स नहीं लगता, लेकिन इससे अधिक लाभ पर 12.5% टैक्स लागू होता है।
टैक्स छूट और कटौतियों में भी नए प्रावधान
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए टैक्स रिटर्न प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं:
- धारा 80C, 80GG और अन्य कटौतियों के दावों को लेकर अब फॉर्म में अधिक विवरण देना होगा।
- TDS (स्रोत पर कर कटौती) की जानकारी अब खंडवार (section-wise) देनी होगी।
जैसे ही आयकर विभाग पोर्टल पर रिटर्न फाइलिंग की सुविधा उपलब्ध कराएगा, टैक्सपेयर वित्त वर्ष 2024-25 की आय का रिटर्न भर सकेंगे।
ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि
जिन करदाताओं को ऑडिट करवाने की जरूरत नहीं होती, उनके लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित की गई है।
गौरतलब है कि इस बार ITR फॉर्म की अधिसूचना सामान्य समय (फरवरी/मार्च) की तुलना में थोड़ी देरी से हुई, क्योंकि नया आयकर विधेयक तैयार किया जा रहा था, जिसे इस वर्ष संसद में पेश किया गया है।
किसे कौन-सा ITR फॉर्म भरना चाहिए?
🔷 ITR-1 (सहज):
- वेतन, एक हाउस प्रॉपर्टी, ब्याज और अधिकतम ₹5,000 की कृषि आय वाले व्यक्ति
- कुल आय ₹50 लाख से अधिक न हो
🔷 ITR-4 (सुगम):
- वे व्यक्ति, HUF और कंपनियाँ (LLP को छोड़कर) जिनकी आय व्यवसाय या पेशे से हो
- कुल आय ₹50 लाख तक
🔷 ITR-2:
- जिनकी आय व्यवसाय या पेशे से नहीं है, लेकिन पूंजीगत लाभ, एक से अधिक संपत्तियां आदि जैसी जटिल आय हो