इस्राइली नौसेना का यमन में पहला हमला, हूतियों की हथियार सप्लाई रोकने की रणनीति

इस्राइली नौसेना ने यमन में पहली बार सीधे तौर पर हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमला किया है। इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य हूतियों की हथियार और रसद सप्लाई को बाधित करना बताया जा रहा है। हमला यमन के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पोत शहर होदेइदा में किया गया, जो हूतियों के नियंत्रण में है और माना जाता है कि यहां से हूतियों को हथियार और जरूरी सामान की आपूर्ति होती है।

इस्राइली वायुसेना ने इससे पहले मंगलवार सुबह होदेइदा में हवाई हमले किए थे, जिसके बाद अब नौसेना ने भी होदेइदा पर निशाना साधा है। होदेइदा में हुए इन हमलों से वहां की सप्लाई चेन को भारी नुकसान पहुंचा है। इस्राइली सेना ने साफ कहा है कि इन हमलों का मकसद होदेइदा बंदरगाह के सैन्य इस्तेमाल को रोकना है।

इस्राइली रक्षा मंत्री ने चेतावनी दी है कि यदि हूती विद्रोही इस्राइल पर हमले जारी रखते हैं, तो यमन को हवाई और समुद्री रास्तों से पूरी तरह ब्लॉक कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस्राइल हर हमले का कड़ा जवाब देगा।

गौरतलब है कि मंगलवार सुबह हूतियों ने इस्राइल पर मिसाइल दागी थी, जिसे इस्राइल के एयर डिफेंस सिस्टम ने हवा में ही नष्ट कर दिया। इससे पहले अप्रैल में अमेरिका ने भी यमन में हूती ठिकानों पर हमले किए थे, जिनमें 74 लोग मारे गए थे। अब इस्राइल ने भी अपने सैन्य अभियान को तेज कर दिया है।

इस्राइली नौसेना के पास करीब 9000 सैनिक हैं और 7 अक्टूबर के बाद से अधिकतर सैन्य टुकड़ियां भूमध्य सागर क्षेत्र में तैनात हैं। मिसाइल नौकाओं से किए गए इस ताजा हमले ने यमन में चल रहे संघर्ष को और अधिक जटिल बना दिया है।

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