इस्राइल और ईरान के बीच बढ़ता सैन्य तनाव अब खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है। इस्राइल लगातार ईरान के बड़े सैन्य अधिकारियों को निशाना बना रहा है। ताजा हमले में इस्राइली वायुसेना (IAF) ने ईरान के युद्धकालीन चीफ ऑफ स्टाफ और खामनेई के करीबी सैन्य सलाहकार अली शादमानी को मार गिराया है।
मंगलवार को इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने दावा किया कि तेहरान के मध्य क्षेत्र में किए गए हवाई हमले में अली शादमानी को खत्म कर दिया गया। शादमानी को चार दिन पहले ही मेजर जनरल गुलाम अली राशिद की जगह ईरान की आपात सैन्य कमान का प्रमुख नियुक्त किया गया था। राशिद की मौत भी हाल ही में एक इस्राइली हमले में हुई थी।
ईरान को भारी नुकसान, खामनेई अकेले
पिछले कुछ दिनों में इस्राइली हमलों में ईरान के कई वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की मौत हो चुकी है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, खामनेई के निजी सलाहकार मंडल के कई सदस्य इस हमले में मारे गए हैं, जिससे खामनेई का सैन्य और रणनीतिक नेटवर्क बुरी तरह से कमजोर हो गया है।
मारे गए अधिकारियों में रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर हुसैन सलामी, बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम के प्रमुख और एयरस्पेस चीफ अमीर अली हाजीजादेह, और खुफिया प्रमुख मोहम्मद काजमी जैसे नाम शामिल हैं। ये सभी खामनेई के सबसे विश्वसनीय रणनीतिक सलाहकारों में से थे।
शासन पर संकट के बादल
ईरान के सर्वोच्च नेता खामनेई को अब आंतरिक फैसलों में बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। ईरानी संविधान के अनुसार सेना की सर्वोच्च शक्ति खामनेई के पास होती है, लेकिन अपने फैसलों से पहले वे अपने विशेष सलाहकार मंडल से परामर्श करना पसंद करते हैं। लगातार होते इन हमलों से खामनेई की शक्ति का संतुलन कमजोर होता दिख रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यही स्थिति बनी रही तो भविष्य में ईरान में आंतरिक अस्थिरता, बड़े पैमाने पर जनता का असंतोष और शासन की स्थिरता में गंभीर संकट उत्पन्न हो सकता है। आर्थिक प्रतिबंधों से जूझ रहे ईरान में पहले ही जनता में नाराजगी बढ़ती जा रही है, ऐसे में सेना के शीर्ष अधिकारियों की मौत से खामनेई के लिए स्थिति और भी जटिल हो सकती है।