आज जरूरत है इंदिरा गांधी के साहसी मार्ग पर चलने की

आज पूरा देश पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी को याद कर रहा है। मुझे तो पुत्र की तरह उनका वात्सल्य प्राप्त करने का सौभाग्य मिला।

मुझे अच्छी तरह याद है कि 1971 के बांग्लादेश युद्ध से पहले उन्होंने किस धैर्य और कूटनीतिक ऊँचाई का परिचय दिया था। किस तरह से बड़ी सावधानी के साथ बांग्लादेश मुक्ति वाहिनी के प्रशिक्षण में मदद की गई थी। मुझे भी कलकत्ता में इस काम की कुछ ज़िम्मेदारी दी गई थी।

और जब मौक़ा आया तो इंदिरा जी ने अपूर्व आन-बान-शान, पराक्रम और शौर्य से पाकिस्तान के दो टुकड़े किये।

वे शांति की पुजारी थीं, लेकिन युद्ध से कभी पीछे नहीं हटीं। और एक बार जब मैदान में उतर गई तो फिर पाँव पीछे खींचने का कोई सवाल नहीं था, चाहे दुनिया की कितनी भी बड़ी महाशक्ति, कितना भी बड़ा दबाव या धौंस दिखाए, उन्हें डराने की कोशिश करे।

आज एक बार फिर ज़रूरत है राष्ट्रीय सम्मान के लिए सभी लोग दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इंदिरा जी के रास्ते पर चलें।

जय हिन्द।

कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश शासन

Please follow and like us:
Pin Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Follow by Email
PINTEREST
LINKEDIN
URL has been copied successfully!