विस्तृत विवरण:
I.N.D.I.A ब्लॉक, जो विपक्षी दलों का गठबंधन है, ने 3 जून 2025 को दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक में 16 विपक्षी दलों ने हिस्सा लिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की। इस मांग का उद्देश्य पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर, और भारत-पाकिस्तान के बीच हाल के सैन्य तनाव व संघर्षविराम जैसे संवेदनशील मुद्दों पर पारदर्शी और स्वतंत्र चर्चा करना है।
बैठक का पृष्ठभूमि और उद्देश्य:
ऑपरेशन सिंदूर: यह भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा 6-7 मई 2025 को किया गया एक सैन्य अभियान था, जिसका उद्देश्य 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब देना था। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल थे। ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने ब्रह्मोस मिसाइलों का उपयोग कर पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के शिविर शामिल थे।
विपक्ष की मांग:
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि सरकार ऑपरेशन सिंदूर और इसके परिणामों पर पारदर्शिता बरतने में विफल रही है। उन्होंने पहलगाम हमले में सुरक्षा चूक, ऑपरेशन की रणनीति, और अमेरिका द्वारा घोषित संघर्षविराम जैसे मुद्दों पर संसद में खुली बहस की मांग की। टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा, “संसद जनता के प्रति जवाबदेह है, और सरकार को इन मुद्दों पर खुलकर बात करनी चाहिए।”पत्र और सांसदों का समर्थन: बैठक के बाद, 200 से अधिक लोकसभा सांसदों ने विशेष सत्र की मांग वाले पत्र पर हस्ताक्षर किए। यह पत्र प्रधानमंत्री को सौंपा गया, जिसमें पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर, और पुंछ, राजौरी, उरी, और कुपवाड़ा में नागरिक क्षेत्रों पर गोलाबारी जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग की गई।
शामिल दल:
बैठक में शामिल 16 दलों में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC), समाजवादी पार्टी (SP), द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK), शिवसेना (UBT), राष्ट्रीय जनता दल (RJD), नेशनल कॉन्फ्रेंस, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), CPI-ML, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML), AIMIM, CPI, RSP, और अन्य शामिल थे।
AAP और NCP (शरद) की अनुपस्थिति:
आम आदमी पार्टी (AAP): AAP ने इस बैठक में हिस्सा नहीं लिया, हालांकि वह पहले विशेष सत्र की मांग का समर्थन कर चुकी थी। सूत्रों के अनुसार, AAP की अनुपस्थिति का कारण उनकी आंतरिक रणनीति या अन्य राजनीतिक प्रतिबद्धताएं हो सकती हैं।
NCP (शरदचंद्र पवार):
शरद पवार की अगुवाई वाली NCP भी बैठक में शामिल नहीं हुई। इसका कारण स्पष्ट नहीं किया गया, लेकिन यह संभव है कि दल की प्राथमिकताएं या अन्य बैठकों में व्यस्तता इसका कारण हो।
सरकार का रुख:
सरकार ने विपक्ष की मांग को गंभीरता से लेने से इनकार किया है। सूत्रों के अनुसार, सरकार का मानना है कि इन मुद्दों पर चर्चा आगामी मानसून सत्र में की जा सकती है, और विशेष सत्र की आवश्यकता नहीं है। सरकार ने पहले 8 मई 2025 को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दी गई थी, लेकिन विपक्ष ने इसे अपर्याप्त माना।
विपक्ष में मतभेद:
विपक्षी खेमे में भी इस मांग को लेकर पूरी एकजुटता नहीं है। कुछ दलों का मानना है कि विशेष सत्र की मांग समय से पहले उठाई जा रही है, और मौजूदा हालात से निपटना प्राथमिकता होनी चाहिए। उदाहरण के लिए, कर्नाटक के कांग्रेस विधायक कोथुर मंजुनाथ ने ऑपरेशन सिंदूर को “दिखावा” करार देते हुए इसकी सफलता पर सवाल उठाए, जिससे विपक्ष के भीतर मतभेद उजागर हुए।