भीषण गर्मी और लू का असर सिर्फ त्वचा या सेहत पर ही नहीं पड़ता, बल्कि आंखों के लिए भी यह मौसम खतरनाक साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि तेज धूप में सीधे रहना आंखों के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। सूरज की अल्ट्रावायलेट (यूवी) किरणें रेटिना को नुकसान पहुंचाती हैं, जिससे धीरे-धीरे आंखों की रोशनी कम हो सकती है।
गर्मी का आंखों पर कैसे असर डालती है?
देश के कई राज्यों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। इस चिलचिलाती गर्मी में आंखों पर यूवी किरणों का सीधा असर पड़ता है। इससे फोटोकरेटाइटिस, ड्राई आइज सिंड्रोम और मोतियाबिंद जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
डॉक्टरों के अनुसार, तेज धूप में ज्यादा समय बिताने से आंखों के लेंस पर असर पड़ सकता है, जिससे समय से पहले मोतियाबिंद विकसित हो सकता है। इसके अलावा गर्म हवा, धूल और स्क्रीन के अधिक इस्तेमाल से डिजिटल आई स्ट्रेन और आंखों में सूखापन जैसी परेशानियां भी बढ़ जाती हैं।
क्या कहते हैं नेत्र रोग विशेषज्ञ?
नेत्र विशेषज्ञ डॉ. आकाश अस्थाना बताते हैं कि गर्मी में आंखों की सही देखभाल न करने पर आंखों में दर्द, जलन, लालिमा, धुंधला दिखना और रोशनी के प्रति संवेदनशीलता जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। लंबे समय तक नजरअंदाज करने पर आंखों की रोशनी भी जा सकती है।
गर्मी में आंखों की सुरक्षा के उपाय:
- हमेशा बाहर निकलते समय अच्छी क्वालिटी का UV प्रोटेक्शन वाला चश्मा पहनें।
- धूप से बचने के लिए टोपी या छाते का इस्तेमाल करें।
- दिन में 2-3 बार ठंडे पानी से आंखों को धोएं ताकि धूल और एलर्जी के कण साफ हो सकें।
- हाइड्रेटेड रहें और खूब पानी पिएं, ताकि आंखों में नमी बनी रहे।
- गंदे हाथों से आंखों को छूने से बचें ताकि संक्रमण का खतरा कम हो।
- स्क्रीन टाइम को कम करें, लगातार मोबाइल और कंप्यूटर से दूरी बनाएं।
- जलन या आंखों में किसी भी तरह की समस्या होने पर बिना डॉक्टर की सलाह के दवाइयों या आई ड्रॉप्स का प्रयोग न करें।
किन लोगों को ज्यादा सावधानी की जरूरत?
जिन लोगों को पहले से आंखों की समस्याएं हैं या जिनकी आंखों में जलन, सूखापन, ग्लूकोमा जैसी बीमारियां रही हैं, उन्हें गर्मी के मौसम में खास सतर्कता बरतनी चाहिए।