मैच से पहले था कार्लसन का घमंड भरा बयान:
टूर्नामेंट शुरू होने से पहले कार्लसन ने मीडिया के सामने कहा था—”दुनिया में ऐसा कोई नहीं जो मुझे हरा सके”। लेकिन गुकेश ने न केवल उनकी बात को गलत साबित किया, बल्कि ये भी दिखा दिया कि अब भारत के युवा शतरंज खिलाड़ी किसी से कम नहीं हैं।
मुकाबले की चालें: दिमाग और धैर्य का जोरदार प्रदर्शन
मैच की शुरुआत में कार्लसन काले मोहरों से खेले। शुरुआती कुछ चालें संतुलित रहीं, लेकिन गुकेश ने मिड-गेम में कुछ ऐसा किया जो दर्शकों की सांसें रोक देने वाला था। उन्होंने ऐसी रणनीति अपनाई जिससे कार्लसन दबाव में आ गए। एंडगेम तक आते-आते गुकेश ने उन्हें ऐसी पोज़िशन में ला खड़ा किया जहां बचने का कोई रास्ता नहीं बचा था।
कार्लसन का गुस्सा कैमरे में कैद:
मैच खत्म होते ही जैसे ही गुकेश की जीत तय हुई, कार्लसन ने ताव में आकर बोर्ड पर घूंसा दे मारा। वहाँ मौजूद दर्शक और आयोजक हैरान रह गए। कैमरे ने इस पूरे वाकये को कैद कर लिया और सोशल मीडिया पर यह फुटेज आग की तरह फैल गया।
गुकेश बोले – “मैं हर मैच को सीखने का मौका मानता हूं”
जीत के बाद गुकेश बेहद शांत और विनम्र नज़र आए। उन्होंने कहा, “कार्लसन से खेलना हमेशा एक बड़ी चुनौती होती है। मैं हर मैच को सीखने का मौका मानता हूं और इस जीत से मेरा आत्मविश्वास और बढ़ा है।”
भारतीय फैंस के लिए जश्न का मौका:
गुकेश की इस ऐतिहासिक जीत के बाद भारत में जश्न का माहौल है। सोशल मीडिया पर #Gukesh और #IndiaPride ट्रेंड कर रहे हैं। पूर्व विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने भी गुकेश को ट्वीट कर बधाई दी और कहा, “यह सिर्फ एक जीत नहीं, एक संकेत है कि भारत का भविष्य शतरंज में बेहद उज्ज्वल है।”
टेबल पर आया बड़ा बदलाव:
इस जीत के साथ गुकेश ने टूर्नामेंट पॉइंट्स टेबल में बड़ा छलांग लगाई है और खिताब के प्रबल दावेदार बन गए हैं। वहीं कार्लसन की यह हार उनके आत्मविश्वास को झटका जरूर दे सकती है, खासकर जब वे खुद को ‘अजेय’ मानते थे।