यूक्रेन को मिसाइल बनाने में जर्मनी की बड़ी मदद, रूस पर कड़ा संदेश
बर्लिन/कीव। जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने बुधवार को एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि उनका देश यूक्रेन को उसकी स्वदेशी लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली विकसित करने में तकनीकी सहायता देगा। यह सहयोग एक रक्षा समझौते के तहत होगा, जिससे यूक्रेन अपने क्षेत्र की सुरक्षा बेहतर ढंग से कर सकेगा।
फ्रेडरिक मर्ज ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह तकनीकी समर्थन यूक्रेन को न केवल अपनी सीमा में बल्कि बाहर स्थित सैन्य ठिकानों पर भी जवाबी हमला करने में सक्षम बनाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इन मिसाइलों पर पश्चिमी देशों द्वारा लगाई गई सीमा-निर्धारण की शर्तें लागू नहीं होंगी।
नाटो को तनाव से बचाने की रणनीति
गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन युद्ध को तीन साल हो चुके हैं। युद्ध के दौरान अमेरिका और जर्मनी सहित कई देशों ने यूक्रेन को अत्याधुनिक हथियार दिए, लेकिन उनमें से कई पर सीमित रेंज और टारगेटिंग शर्तें लागू थीं। इसका उद्देश्य यह था कि अगर ये हथियार रूस की सीमा के अंदर गहराई तक हमला करते हैं, तो नाटो देशों को संभावित जवाबी कार्रवाई से बचाया जा सके।
रूस की प्रतिक्रिया – शांति वार्ता का नया प्रस्ताव
मर्ज के इस ऐलान के कुछ घंटों बाद ही रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने यूक्रेन को 2 जून को इस्तांबुल में सीधी शांति वार्ता के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने अपने वीडियो संदेश में कहा कि रूस इस बैठक में अपने प्रस्तावों का एक ज्ञापन सौंपेगा और युद्ध समाप्ति की संभावनाएं बताएगा। वार्ता का नेतृत्व व्लादिमीर मेडिंस्की करेंगे।
अमेरिका की रणनीति – ट्रंप ने क्यों रोके नए प्रतिबंध
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ओवल ऑफिस में मीडिया से बातचीत के दौरान स्पष्ट किया कि वे रूस पर नए प्रतिबंध फिलहाल नहीं लगाएंगे। ट्रंप ने कहा कि यदि उन्हें लगेगा कि शांति समझौता करीब है, तो वे कोई ऐसा कदम नहीं उठाएंगे जिससे प्रक्रिया प्रभावित हो।
पहले दौर की वार्ता का हाल
रूस और यूक्रेन के बीच 16 मई को इस्तांबुल में तीन साल बाद प्रत्यक्ष बातचीत हुई थी, जो करीब दो घंटे चली। हालांकि उसमें कोई ठोस समाधान नहीं निकला, लेकिन 1,000 युद्धबंदियों की अदला-बदली पर सहमति बनी थी।