छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में रेत माफिया की दबंगई अपने चरम पर पहुंच गई है। सोमवार को कुछ पत्रकार पैरई नदी के पितईबंद रेत घाट में अवैध खनन की सच्चाई उजागर करने पहुंचे थे, लेकिन वहां जो हुआ उसने सबको चौंका दिया।
जैसे ही पत्रकारों ने कैमरा चालू किया, अचानक मौके पर माफिया के गुर्गों का दल पहुंच गया। कुछ के हाथों में हथियार थे। उन्होंने पत्रकारों से माइक और कैमरे छीन लिए और उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। दो राउंड फायरिंग भी हुई, जिससे अफरा-तफरी मच गई।
इस पूरे हमले का एक पत्रकार ने चोरी-छिपे वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो सामने आने के बाद ही प्रशासन हरकत में आया और पुलिस को कार्रवाई का निर्देश दिया गया।
पत्रकारों का आरोप:
जिला खनिज अधिकारी को पहले ही सूचना दी गई थी, लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही माफिया के लोग वहां कैसे पहुंच गए?
क्या अंदरूनी मिलीभगत है?
घटना के बाद:
हमले से आक्रोशित पत्रकारों ने गरियाबंद में सड़क पर धरना देते हुए माइक, कैमरा और आईडी जमीन पर रख दिए। उन्होंने दोषियों की गिरफ्तारी और खनिज विभाग की भूमिका की जांच की मांग की है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया:
जिला प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन अब सबकी निगाहें इस पर हैं कि क्या माफिया पर सच में कार्रवाई होगी या यह मामला भी फाइलों में दफ्न हो जाएगा।