घर बैठे करें गंगा दशहरा के शुभ कार्य, पितरों की कृपा पाएं
गंगा दशहरा का पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इसी दिन मां गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान, दान और तर्पण करने से पूर्वजों को शांति मिलती है और पापों से मुक्ति प्राप्त होती है। लेकिन हर कोई गंगा घाट जाकर स्नान नहीं कर सकता, ऐसे में ज्योतिषशास्त्र में कुछ आसान उपाय बताए गए हैं जिन्हें अपनाकर घर पर ही पितरों को संतुष्ट किया जा सकता है।
गंगा दशहरा 2025 की तिथि
इस वर्ष गंगा दशहरा 5 जून 2025, बुधवार को मनाया जाएगा। इस दिन मां गंगा की आराधना, स्नान और पितरों के लिए तर्पण व दान करने का विशेष महत्व है।
गंगा स्नान न कर पाने पर घर पर करें ये उपाय
- गंगाजल से स्नान करें: अपने स्नान के जल में कुछ बूंदें गंगाजल मिलाएं और शुद्ध भाव से स्नान करें।
- पितरों को अर्पण करें सामग्री: स्नान के बाद काले तिल, सफेद फूल और जल लेकर पितरों के नाम से अर्पित करें।
- पितृ चालीसा का पाठ करें: शांत वातावरण में बैठकर ‘पितृ चालीसा’ का पाठ करें।
- पीपल के नीचे दीपदान करें: संध्या के समय पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं और पितरों के नाम से दीपदान करें।
लाभ
इन उपायों को अपनाने से पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है। पितर प्रसन्न होकर परिवार पर अपना आशीर्वाद बरसाते हैं, जिससे घर में शांति, समृद्धि और सुख-शांति बनी रहती है।