नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2024-25 (असेसमेंट ईयर 2025-26) के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सैलरीड कर्मचारियों और अन्य टैक्सपेयर के लिए ITR-1 और ITR-4 फॉर्म ऑनलाइन उपलब्ध हैं। रिटर्न दाखिल करते समय फॉर्म 16 और फॉर्म 16A बेहद महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट होते हैं। ये दोनों दस्तावेज TDS (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) के प्रमाण के रूप में काम करते हैं।
क्या होता है फॉर्म 16?
फॉर्म 16 वेतनभोगी कर्मचारियों को उनके नियोक्ता द्वारा जारी किया जाता है, जिसमें हर तिमाही में काटे गए टैक्स और सरकार को जमा किए गए टैक्स की जानकारी होती है। इसमें नियोक्ता का TAN, कर्मचारी का PAN, सैलरी की पूरी डिटेल, और धारा 80C, 80D जैसे डिडक्शंस की जानकारी दी जाती है।
फॉर्म 16 के दो हिस्से होते हैं:
- पार्ट A – TDS की संक्षिप्त जानकारी
- पार्ट B – वेतन और डिडक्शन की पूरी जानकारी
दोनों हिस्से TRACES वेबसाइट से डाउनलोड किए जाने चाहिए, तभी वे वैध माने जाते हैं।
फॉर्म 16A किन्हें जारी होता है?
अगर टैक्सपेयर को फिक्स्ड डिपॉजिट, प्रोफेशनल फीस या कमीशन से आमदनी होती है, तो फॉर्म 16A बैंक या संस्था द्वारा जारी किया जाता है। इसमें TDS की डिटेल, सर्टिफिकेट नंबर, ट्रांजेक्शन की प्रकृति, और भुगतान की राशि दी जाती है। यह फॉर्म भी TRACES पोर्टल से ही डाउनलोड किया जाना चाहिए।
फॉर्म 16 और 16a क्यों हैं जरूरी?
आयकर रिटर्न भरते समय सही जानकारी देने और टैक्स क्रेडिट क्लेम करने के लिए यह डॉक्यूमेंट जरूरी होते हैं। ये दोनों प्रमाण-पत्र टैक्स की पारदर्शिता और वैधता सुनिश्चित करते हैं।