भोपाल के एसएमएच यानी सागर मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल एक बार फिर विवादों में घिर गया है। सागर के व्यापारी अजय दुबे ने अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि उन्हें 100 प्रतिशत ब्लॉकेज की झूठी रिपोर्ट देकर डराया गया और महंगा इलाज कराने का दबाव बनाया गया।
व्यापारी अजय दुबे ने बताया कि उन्हें सीने में दर्द की शिकायत थी, जिसके बाद वे अस्पताल पहुंचे। यहां कार्डियोलॉजिस्ट ने उन्हें गंभीर स्थिति में बताकर तत्काल ऐंजियोग्राफी कराई। रिपोर्ट में 100 प्रतिशत ब्लॉकेज दिखाया गया। लेकिन जब उन्होंने दूसरी जगह राय ली, तो पता चला कि कोई ब्लॉकेज था ही नहीं।
इस फर्जीवाड़े से आहत होकर अजय दुबे ने थाने में एफआईआर की मांग की, साथ ही स्टेट मेडिकल काउंसिल और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) को भी अस्पताल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह अस्पताल मरीजों को डरा-धमका कर महंगा इलाज कराने के लिए मजबूर करता है।
शिकायत के साथ अजय दुबे ने डॉक्टरों की फर्जी जांच रिपोर्ट और संबंधित दस्तावेज भी प्रस्तुत किए हैं। इनमें डॉक्टर स्वप्निल एस. गाडे और डॉक्टर गुमा का नाम सामने आया है, जिन पर गलत रिपोर्ट तैयार करने का आरोप है।
यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की शिकायत नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य व्यवस्था की पारदर्शिता और चिकित्सा पेशे की नैतिकता पर सवाल उठाता है। स्वास्थ्य सेवाएं जनता की सेवा के लिए होती हैं, ना कि उन्हें ठगने के लिए। अब देखना यह है कि राज्य सरकार और संबंधित विभाग इस पर क्या कार्रवाई करते हैं।
इस पूरे मामले ने चिकित्सा क्षेत्र में जवाबदेही की मांग को और भी प्रबल कर दिया है। यदि दोषियों के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो जनता का भरोसा चिकित्सा संस्थानों से पूरी तरह उठ सकता है।