नई दिल्ली।
भारत 2027 में पहली बार पूरी तरह डिजिटल जनगणना की दिशा में कदम बढ़ाने जा रहा है। इस बार जनगणना में जातिगत आंकड़े भी एकत्र किए जाएंगे, जो अब तक नहीं किया गया था। सरकार इस प्रक्रिया में अत्याधुनिक तकनीक, मोबाइल एप, डिजिटल पोर्टल और स्मार्ट टूल्स का व्यापक रूप से इस्तेमाल करेगी, जिससे डाटा संग्रहण, विश्लेषण और रिपोर्टिंग पहले से कहीं अधिक तेज, पारदर्शी और सटीक होगी।
मोबाइल एप से सीधे आंकड़े दर्ज होंगे
सरकार एक विशेष मोबाइल एप लॉन्च करेगी, जिसमें 16 भाषाओं का सपोर्ट रहेगा। जनगणना कर्मचारी इस एप के माध्यम से घर-घर जाकर आंकड़े जुटाएंगे, साथ ही नागरिकों को भी अपनी जानकारी स्वयं दर्ज करने का विकल्प मिलेगा। एप में ड्रॉपडाउन मेन्यू, कोडेड सवाल और ‘फेच’ जैसे स्मार्ट फीचर्स होंगे, जो डेटा में दोहराव और गलती की संभावना को कम करेंगे।
9 महीनों में तैयार होगी अंतिम रिपोर्ट
डिजिटल प्रणाली अपनाने से जनगणना की प्रक्रिया बहुत तेजी से पूरी होगी। रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार जनगणना की अंतिम रिपोर्ट सिर्फ 9 महीनों में तैयार कर ली जाएगी। इसके साथ ही ICR (इंटेलिजेंट कैरेक्टर रिकग्निशन) तकनीक से लिखित और असंगठित डेटा को भी प्रोसेस किया जा सकेगा।
निगरानी के लिए रियल टाइम पोर्टल
जनगणना की हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए सरकार एक निगरानी पोर्टल भी बनाएगी। इससे डाटा कलेक्शन से लेकर रिपोर्टिंग तक सभी चरणों की रियल टाइम मॉनिटरिंग हो सकेगी, जिससे पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनी रहेगी।