छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में अब खेल क्रांति की शुरुआत हो चुकी है। यहां के युवाओं और बच्चों को नक्सलवाद से दूर रखने और खेलों के प्रति आकर्षित करने के लिए जिला प्रशासन ने सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन और मान देशी फाउंडेशन के साथ मिलकर ‘मैदान कप’ की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत जिले के 50 गांवों में खेल मैदान विकसित किए जा रहे हैं, जिनमें से 20 मैदान पहले ही तैयार हो चुके हैं।
दंतेवाड़ा के कलेक्टर कुणाल दुदावत ने बताया कि इन मैदानों में रनिंग ट्रैक, गोला फेंक, भाला फेंक, चक्का फेंक, लंबी कूद, वॉल क्लाइंबिंग सहित 13 खेलों की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्रशासन का मानना है कि खेल ही वह माध्यम हैं जो युवाओं को सकारात्मक दिशा में ले जाएंगे और नक्सलवाद के प्रभाव को खत्म करने में मदद करेंगे।
दुदावत ने कहा कि मैदान कप के जरिए न केवल खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि बच्चों को सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गज खिलाड़ियों से जोड़कर उनमें उत्साह और प्रेरणा भी जगेगी। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि आने वाले समय में बस्तर से भी सचिन तेंदुलकर, नीरज चोपड़ा और पीटी उषा जैसे खिलाड़ी देश को मिलें।”
गौरतलब है कि इससे पहले बस्तर ओलंपिक 2024 का आयोजन भी इसी उद्देश्य से किया गया था ताकि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की प्रतिभाएं राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना सकें। अब मैदान कप के माध्यम से यह मुहिम और तेज की जा रही है।