क्रिमिनल जस्टिस सीजन 4 रिव्यू: माधवगिरी की छाँव में बनी है अपराध की कहानी, सुरवीन चावला का अभिनय बेमिसाल

क्रिमिनल जस्टिस का चौथा सीजन 2023 में घटित एक अपराध की पड़ताल करता है, जो जियो हॉटस्टार पर रिलीज़ हुआ है। इस सीरीज की खासियत रही है उसका देसी अंदाज और मजबूती से बुनी गई कहानी, जो इस बार भी निराश नहीं करती। मुख्य किरदार वकील माधव मिश्रा (पंकज त्रिपाठी) के इर्द-गिर्द घूमती यह कहानी न सिर्फ अपराध की तह तक जाती है, बल्कि मानवीय जज्बात और नैतिक द्वंद्व को भी उभारती है।

कहानी और प्लॉट

यह सीजन एक मशहूर डॉक्टर की दूसरी पत्नी की हत्या की गुत्थी खोलता है। दोनों पत्नियां एक ही फ्लोर पर रहती हैं, पर अलग-अलग। उनके एक टीनएजर बच्चे का व्यवहार असामान्य है, जिसे अस्पर्गर सिंड्रोम जैसी बीमारी का झूठा लेबल दिया गया है। बच्चा म्यूजिक क्लास में अचानक हिंसक हो जाता है और हत्या स्थल पर पाया जाता है। इसी बीच, वकील माधव मिश्रा को मामले की जांच करनी होती है, जहां उसे न केवल सच का सामना करना पड़ता है, बल्कि अपनी नैतिकता के साथ भी संघर्ष करना पड़ता है।

अभिनय और प्रदर्शन

पंकज त्रिपाठी एक बार फिर माधव मिश्रा के रूप में अपने अभिनय का जादू बिखेरते हैं। उनकी सूक्ष्मता और प्राकृतिकता सीरीज की जान है। वहीं, सुरवीन चावला का किरदार बेहद असरदार है। पति और बेटी से अलग जीवन जी रही उनकी भूमिका में उन्होंने जिस तरह का दर्द और संवेदनशीलता दर्शाई है, वह काबिले तारीफ है। मोहम्मद जीशान अयूब और कल्याणी मुले ने भी अपने-अपने किरदारों में दमदार भूमिका निभाई है।

प्रोडक्शन क्वालिटी और निर्देशन

सीरीज की प्रोडक्शन डिजाइन में थोड़ा कमज़ोरी नजर आती है। कुछ सेटिंग्स और तकनीकी पहलुओं में सुधार की गुंजाइश है। लेकिन निर्देशक रोहन सिप्पी ने कलाकारों के अभिनय को प्रभावी तरीके से पेश किया है, जिससे कहानी जीवंत बनी रहती है।

भारतीय परिवारों की असलियत से जुड़ी समस्या

सीजन में दिखाए गए दो अलग-अलग कपल्स की कहानी मेट्रो सिटीज़ की आधुनिकता को दर्शाती है, लेकिन यह छोटे शहरों के पारंपरिक परिवारों के लिए कुछ हद तक असामान्य लग सकती है। यह सामाजिक यथार्थ और बदलाव की झलक भी प्रस्तुत करती है।

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