नक्सलियों के 43 टॉप लीडर्स पर बड़ा प्रहार: तेलंगाना से कर्नाटक तक 6 राज्यों में ऑपरेशन, मुपल्ला और हिड़मा रडार पर

भारत में नक्सलवाद के खिलाफ चल रही जंग में सुरक्षा बलों ने हाल के महीनों में अपनी रणनीति को और तेज कर दिया है। छत्तीसगढ़, तेलंगाना, कर्नाटक, झारखंड, ओडिशा और आंध्र प्रदेश जैसे छह नक्सल प्रभावित राज्यों में 43 शीर्ष नक्सली नेताओं को निशाना बनाया गया है। इनमें मुपल्ला लक्ष्मण राव (उर्फ गणपति), मल्लोजुला वेणुगोपाल (उर्फ सोनू), महेश, प्रभाकर और माडवी हिड़मा जैसे बड़े नाम शामिल हैं, जो नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) की रीढ़ माने जाते हैं। यह अभियान न केवल नक्सलियों की कमान को तोड़ने की कोशिश है, बल्कि उनके वित्तीय नेटवर्क और हथियारों की सप्लाई को भी नष्ट करने की रणनीति का हिस्सा है।नक्सलियों पर कार्रवाई का दायरासुरक्षा बलों ने इन 43 नेताओं को या तो गिरफ्तार करने, आत्मसमर्पण के लिए मजबूर करने, या मुठभेड़ में ढेर करने की रणनीति बनाई है। हाल के ऑपरेशनों में छत्तीसगढ़ के नारायणपुर और बीजापुर जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सफलता मिली है। उदाहरण के लिए, मई 2025 में नारायणपुर के अबूझमाड़ जंगलों में 27 नक्सलियों को मार गिराया गया, जिनमें भाकपा (माओवादी) के महासचिव नंबाला केशव राव (उर्फ बसवराज) भी शामिल थे। बसवराज पर 10 करोड़ रुपये का इनाम था, और उनकी मौत को नक्सल आंदोलन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इसी तरह, तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा पर कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में 31 नक्सलियों को ढेर किया गया, जहां नक्सलियों का एकीकृत मुख्यालय था।मुपल्ला लक्ष्मण राव (गणपति)74 वर्षीय मुपल्ला लक्ष्मण राव, जिन्हें गणपति के नाम से जाना जाता है, भाकपा (माओवादी) के पोलित ब्यूरो के सदस्य और सेंट्रल कमिटी के सलाहकार हैं। तेलंगाना के करीमनगर जिले के वीरपुर गांव के निवासी, गणपति ने बीएससी और बीएड की पढ़ाई की है। उनकी सलाह पर नक्सली अपनी रणनीति बनाते हैं, और वह संगठन के शीर्ष नेतृत्व में सबसे प्रभावशाली नामों में से एक हैं। उन पर 1 करोड़ रुपये का इनाम है, और सुरक्षा एजेंसियां उन्हें पकड़ने या मुठभेड़ में ढेर करने के लिए लगातार छापेमारी कर रही हैं। गणपति की रणनीतिक चालाकी और लंबे समय से भूमिगत रहने की क्षमता उन्हें सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ा लक्ष्य बनाती है।माडवी हिड़मामाडवी हिड़मा, जिसे संतोष या देवा के नाम से भी जाना जाता है, नक्सलियों की पीएलजीए बटालियन नंबर 1 का प्रमुख कमांडर है। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले का रहने वाला हिड़मा कई बड़े हमलों का मास्टरमाइंड रहा है, जिसमें सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों की हत्याएं शामिल हैं। उस पर भी 1 करोड़ रुपये का इनाम है। हिड़मा की उम्र 40-45 साल के आसपास मानी जाती है, और वह जंगलों में अपनी गतिविधियों को अंजाम देने में माहिर है। उसकी फुर्ती और स्थानीय आदिवासी समुदायों में प्रभाव उसे सुरक्षा बलों के लिए चुनौतीपूर्ण बनाता है।महेश और प्रभाकरमहेश और प्रभाकर भी नक्सली संगठन के महत्वपूर्ण नेता हैं, जो तेलंगाना और कर्नाटक जैसे राज्यों में सक्रिय हैं। ये दोनों भाकपा (माओवादी) की क्षेत्रीय कमेटियों के प्रमुख सदस्य हैं और हथियारों की तस्करी, वित्तीय फंडिंग और भर्ती जैसे कार्यों में शामिल रहे हैं। इनके खिलाफ खुफिया जानकारी के आधार पर छापेमारी तेज की गई है, खासकर कर्नाटक के घने जंगलों में, जहां नक्सलियों ने हाल के वर्षों में अपनी गतिविधियां बढ़ाई हैं।छह राज्यों में ऑपरेशन की रणनीतिछत्तीसगढ़: नक्सलवाद का गढ़ माने जाने वाले बस्तर, सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जैसे जिलों में डीआरजी, सीआरपीएफ, और कोबरा बटालियन सक्रिय हैं।

यहां 2024-25 में 200 से अधिक नक्सली मारे गए या गिरफ्तार किए गए हैं।तेलंगाना: कर्रेगुट्टा पहाड़ियों जैसे क्षेत्रों में नक्सलियों के ठिकानों को नष्ट किया गया। तेलंगाना पुलिस की खुफिया शाखा ने कई नक्सली नेताओं के ठिकानों का पता लगाया है।कर्नाटक: कर्नाटक के पश्चिमी घाट और उत्तरी जंगलों में नक्सली गतिविधियां बढ़ रही हैं। यहां एंटी-नक्सल फोर्स (एएनएफ) और स्थानीय पुलिस संयुक्त अभियान चला रही है।झारखंड: रांची, लातेहार और सरायकेला जैसे जिलों में नक्सली नेताओं की गिरफ्तारी हुई है, जैसे प्रशांत बोस और उनकी पत्नी शीला मरांडी।ओडिशा: मलकानगिरी और कोरापुट में नक्सलियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन चल रहे हैं, जहां हथियार निर्माण इकाइयों को नष्ट किया गया है।आंध्र प्रदेश: नक्सलियों के पुराने गढ़ में अब भी कुछ नेता सक्रिय हैं,

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