कोविड का नया संकट: भारत में सक्रिय NB.1.8.1 वैरिएंट अमेरिका में बन रहा मौत की वजह

  • भारत में सबसे अधिक सक्रिय कोविड वैरिएंट NB.1.8.1 अमेरिका में तेजी से फैला रहा संक्रमण
  • अमेरिका में हर सप्ताह हो रही 300 से अधिक मौतें
  • डब्ल्यूएचओ ने NB.1.8.1 को वैरिएंट ऑफ मॉनिटरिंग में किया वर्गीकृत
  • भारत में सावधानी की ज़रूरत, घबराने की नहीं

भारत में फैला वैरिएंट अमेरिका में जानलेवा

भारत में कोविड का जो NB.1.8.1 वैरिएंट फिलहाल सबसे सक्रिय है, वही अमेरिका में भी संक्रमण और मौतों का प्रमुख कारण बनता जा रहा है। अमेरिका के स्वास्थ्य संस्थानों की रिपोर्ट के अनुसार, इस वैरिएंट के चलते अमेरिका में हर सप्ताह औसतन 300 से अधिक मौतें हो रही हैं। अमेरिका स्थित ड्यूक यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. टोनी मूडी ने कहा, “कोरोना फिर से जान ले रहा है, यह खत्म नहीं हुआ है।”

वैरिएंट ऑफ मॉनिटरिंग में शामिल

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने NB.1.8.1 वैरिएंट को अब ‘वैरिएंट ऑफ मॉनिटरिंग’ के तहत रखा है। इसका मतलब है कि इस वैरिएंट पर विशेष निगरानी और विश्लेषण की आवश्यकता है। इससे पहले इसे वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के रूप में वर्गीकृत किया गया था।

अमेरिका में मौतों की वजह

यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, अधिकतर मौतें बुजुर्ग, पहले से बीमार या कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में हो रही हैं। इसके अलावा, अमेरिका में कोविड वैक्सीनेशन की दर काफी कम है। केवल 23% वयस्क और 13% बच्चे ही अपडेटेड वैक्सीन ले पाए हैं।

वैक्सीनेशन की कमी बनी समस्या

वैक्सीनोलॉजिस्ट डॉ. ग्रेगरी पोलैंड के अनुसार, “अधिक मौतों की सबसे बड़ी वजह लोगों का वैक्सीन न लेना या अपडेटेड डोज़ से बचना है।” विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वैक्सीन को फ्लू की तरह समय-समय पर लेना जरूरी है, खासतौर पर 65+ आयु वालों और जोखिम समूहों के लिए।

भारत में क्या है स्थिति?

भारत में NB.1.8.1 सक्रिय है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार अभी घबराने की जरूरत नहीं है। देश में हर्ड इम्युनिटी और अपडेटेड वैक्सीन दोनों मौजूद हैं। अगर आप जोखिम समूह में हैं, तो डॉक्टर की सलाह से टीका लगवाना चाहिए। साथ ही, कोविड उपयुक्त व्यवहार जैसे मास्क पहनना, भीड़ से बचना और हाथ धोना जरूरी है।

सतर्क रहें, घबराएं नहीं

NB.1.8.1 भले ही अमेरिका में जानलेवा बन रहा हो, लेकिन भारत में समय पर वैक्सीनेशन और जागरूकता से इससे बचाव संभव है। WHO की चेतावनी को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। हर नागरिक को सतर्क रहना और ज़रूरत के अनुसार वैक्सीनेशन करवाना चाहिए।

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