कांग्रेस की नई रणनीति: सात दिन, छह नाम और पांच पर्यवेक्षक—जिला संगठन को मिलेगी नई धार!

कांग्रेस अब जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने के लिए नए तेवर में दिख रही है। पार्टी ने जिले स्तर पर संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने की दिशा में एक विशेष योजना बनाई है। इसके तहत प्रत्येक जिले में सात दिन तक पांच पर्यवेक्षक रहेंगे और छह योग्य नामों की पहचान करेंगे जो संगठन की रीढ़ बनेंगे।

🔍 क्या है योजना?

इस योजना को ‘संगठन सृजन कार्यक्रम’ नाम दिया गया है। इसका मकसद है स्थानीय कार्यकर्ताओं की पहचान करना, उनकी क्षमता परखना और उन्हें जिम्मेदारी सौंपना। पार्टी का मानना है कि अब समय आ गया है जब संगठन को ऊपर से नीचे नहीं, नीचे से ऊपर मजबूत किया जाए।

👣 कैसे होगा क्रियान्वयन?

हर जिले में पांच पर्यवेक्षक भेजे जाएंगे

वे सात दिन तक लगातार ज़मीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे

स्थानीय मुद्दों, संगठन की सक्रियता और प्रभावशाली कार्यकर्ताओं की पहचान करेंगे

इसके बाद वे छह नामों की सूची तैयार कर प्रदेश नेतृत्व को भेजेंगे

🎯 लक्ष्य क्या है?

पार्टी सूत्रों के मुताबिक यह कवायद सिर्फ नाम सुझाने तक सीमित नहीं है। आगे चलकर यही कार्यकर्ता जिला, ब्लॉक और सेक्टर स्तर पर संगठन की जिम्मेदारी संभालेंगे। साथ ही, उन्हें प्रशिक्षण और संसाधन भी दिए जाएंगे ताकि वे आगामी चुनावों में पार्टी के लिए अहम भूमिका निभा सकें।

📢 पर्यवेक्षकों को मिले विशेष निर्देश

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने पर्यवेक्षकों को साफ निर्देश दिए हैं—“किसी भी सिफारिश को न मानें, केवल काम देखने वाले को ही जगह मिले।” यह बयान इस ओर इशारा करता है कि अब कांग्रेस में योग्यता आधारित चयन को प्राथमिकता दी जाएगी।

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