उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने जमीनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। पार्टी 100 दिन के संगठन निर्माण कार्यक्रम के जरिए बूथ स्तर तक संगठन को सशक्त बनाने में जुटी है। इसके तहत प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीटों को तीन श्रेणियों A, B और C में वर्गीकृत किया गया है।
अब पार्टी पंचायत चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारेगी और जो कार्यकर्ता पंचायत स्तर पर प्रभावी प्रदर्शन करेंगे, उन्हें ही विधानसभा चुनाव में टिकट देने पर विचार किया जाएगा।
कैसी है कांग्रेस की 2027 रणनीति और क्या है सीट कैटेगरी प्लान?
कांग्रेस ने राज्य की सभी 403 विधानसभा सीटों को A (मजबूत), B (संभावित) और C (नवीन) श्रेणियों में विभाजित किया है। इन श्रेणियों के आधार पर संगठन, सोशल मीडिया अभियान और जनसंपर्क की रणनीति अलग-अलग तैयार की जा रही है। डिजिटल आंकड़े, जातीय संतुलन और स्थानीय फीडबैक को ध्यान में रखते हुए बूथ स्तर पर माइक्रो योजना बनाई जा रही है।
पार्टी संगठन बनेगा रीढ़ की हड्डी
कांग्रेस 15 जून तक ब्लॉक और वार्ड अध्यक्षों की नियुक्ति कर लेगी। इससे पहले जिला और शहर कमेटियों का गठन हो चुका है। अब प्रदेश कार्यसमिति के गठन की तैयारी है। पार्टी प्रत्येक जिले में संगठन निर्माण समन्वयक नियुक्त करेगी, जो सीट-वार रिपोर्टिंग करेगा।
युवाओं, दलितों और पिछड़ों पर खास फोकस
कांग्रेस का लक्ष्य है – “बूथ मजबूत करो, मुद्दे धारदार बनाओ, और 2027 की नींव रखो।” इसके लिए पूर्व सांसदों, विधायकों और वरिष्ठ नेताओं को ज़िम्मेदारी दी गई है ताकि संगठन हर स्तर पर सक्रिय और प्रभावशाली रहे।
पंचायत चुनाव से परखेगी ताकत, कांग्रेस अकेले लड़ेगी चुनाव
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के मुताबिक पार्टी इस बार पंचायत चुनाव अकेले लड़ेगी और इसका प्रदर्शन विधानसभा टिकट के आधार बनेगा। जो कार्यकर्ता पंचायत चुनाव में सक्रिय होंगे, जीतेंगे या संगठन को मज़बूत करेंगे, उन्हीं को आगे बढ़ाया जाएगा।
अब टिकट सिर्फ नजदीकी या सिफारिश से नहीं मिलेगा
अजय राय ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस अब “संगठन आधारित उम्मीदवार चयन” मॉडल अपना रही है। टिकट उन्हीं को मिलेगा जो ज़मीन पर काम करेगा, जनता के बीच रहेगा और संगठन को मज़बूत करेगा।
403 सीटों पर तैयारी, गठबंधन का फैसला केंद्रीय नेतृत्व करेगा
कांग्रेस ने सभी 403 सीटों पर संगठनात्मक कार्य शुरू कर दिया है। अजय राय ने बताया कि सपा से गठबंधन होगा या नहीं, यह शीर्ष नेतृत्व तय करेगा, लेकिन कांग्रेस की अपनी तैयारी हर सीट पर है।
6 से 50 सीटों का लक्ष्य तय, पंचायत से विधानसभा की राह
2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने यूपी में 6 सीटें जीती और 9 पर दूसरे स्थान पर रही। इस प्रदर्शन से उत्साहित पार्टी अब 2027 में 50 विधानसभा सीटों पर मजबूत स्थिति में पहुंचने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
सपा से बराबरी के गठबंधन की बात: कांग्रेस की शर्तें सख्त
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इमरान मसूद का दावा है कि अगर सपा से गठबंधन होता है, तो सीटों का बंटवारा बराबरी का होगा। 2024 का 17:63 का फॉर्मूला अब नहीं चलेगा। कांग्रेस के पास अब 118 ऐसी विधानसभा सीटें हैं, जो उसकी 17 लोकसभा सीटों में आती हैं।
सपा के 35-40 सीटों के ऑफर पर कांग्रेस का जवाब: सौ से कम मंजूर नहीं
सपा की ओर से कांग्रेस को 35 से 40 सीटें देने का संकेत मिला है। लेकिन कांग्रेस 100 से कम सीटों पर समझौता करने को तैयार नहीं है। इसके लिए पंचायत चुनाव में ताकत दिखाकर सपा पर दबाव बनाया जा रहा है।
बिहार मॉडल से मिलेगा यूपी में गठबंधन का रास्ता
सपा की रणनीति है कि बिहार में कांग्रेस-राजद गठबंधन के चुनावी फार्मूले को देख कर ही यूपी में गठबंधन की दिशा तय की जाएगी। यदि कांग्रेस ने बिहार में अच्छा प्रदर्शन किया, तो यूपी में उसकी सीटों की मांग को नजरअंदाज करना सपा के लिए मुश्किल हो जाएगा।
कांग्रेस अब उत्तर प्रदेश में पुराने तौर-तरीकों से अलग हटकर एक मजबूत संगठन और जमीनी स्तर पर सक्रिय कार्यकर्ताओं के दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। पंचायत चुनाव इसका पहला पड़ाव है, जहां से कांग्रेस 2027 के विधानसभा चुनाव की बुनियाद तैयार कर रही है।