छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों पर शिकंजा कसने के लिए विशेष टास्क फोर्स (STF) का गठन किया है। गृह विभाग के अनुसार, प्रदेश के कई इलाकों में घुसपैठियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इन लोगों के पास फर्जी दस्तावेज होते हैं, जिनकी मदद से ये आसानी से मकान किराए पर ले लेते हैं। अब यदि कोई मकान मालिक बिना सत्यापन के ऐसे घुसपैठियों को किराया देता है, तो उस पर भी कानूनी कार्रवाई होगी और जेल तक की नौबत आ सकती है। घर किराए पर देने से पहले पुलिस सत्यापन अनिवार्य सरकार ने साफ निर्देश दिए हैं कि किसी भी किरायेदार का पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी है। विशेष रूप से सीमावर्ती और शहरी इलाकों में इस पर सख्त नजर रखी जा रही है। STF की टीम गुप्त सूचना के आधार पर जगह-जगह छापेमारी कर रही है और अब तक कई संदिग्धों को हिरासत में लिया जा चुका है। कैसे पहचानें अवैध घुसपैठिए? इन घुसपैठियों के पास अक्सर आधार कार्ड, राशन कार्ड जैसे फर्जी भारतीय दस्तावेज होते हैं। कई बार ये मजदूरी, घरेलू काम या छोटे व्यापार की आड़ में रहते हैं। स्थानीय लोग सस्ते किराए के लालच में इन्हें घर दे देते हैं, लेकिन अब ऐसा करना भारी पड़ सकता है। क्या कहती है सरकार? गृह मंत्री ने कहा, “राज्य की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। जो मकान मालिक पुलिस सत्यापन के बिना घर देंगे, उन्हें भी दोषी माना जाएगा।” जागरूकता अभियान भी चलाए जाएंगे सरकार द्वारा आम जनता को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान भी शुरू किए जाएंगे ताकि लोग किसी भी अनजान व्यक्ति को बिना जांच-परख के अपना घर न दें।