छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ जिले से एक बेहद मार्मिक और चिंताजनक घटना सामने आई है। यहाँ एक प्रेमी और प्रेमिका ने समाज और परिवार की असहमति से तंग आकर एक साथ आत्महत्या कर ली। दोनों ने एक ही फंदे पर लटककर अपनी जीवनलीला समाप्त कर दी। यह घटना न केवल दो जिंदगियों का अंत है, बल्कि हमारे समाज की उस कठोर सोच का परिणाम भी है जो आज भी प्रेम और अंतरजातीय विवाह को स्वीकार नहीं कर पाता।
बताया जा रहा है कि दोनों युवक-युवती एक-दूसरे से प्रेम करते थे और विवाह करना चाहते थे, लेकिन उनका यह रिश्ता जाति भेद और पारिवारिक दबाव की दीवारों में घिरा हुआ था। परिजनों ने इस रिश्ते को सिरे से खारिज कर दिया, जिसके बाद दोनों ने आत्महत्या का निर्णय लिया। ग्रामीणों को जब इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
सामाजिक पीड़ा और चुप्पी
यह घटना केवल एक व्यक्तिगत दुख नहीं, बल्कि एक सामूहिक सामाजिक विफलता का उदाहरण है। एक ओर हम आधुनिकता और समानता की बात करते हैं, वहीं दूसरी ओर समाज और परिवार की सीमाएँ आज भी प्रेम को कुचलने का काम कर रही हैं। यह प्रेमी जोड़ा किसी उम्मीद की तलाश में था, लेकिन उन्हें मिला निराशा और अंततः मौत।
प्रशासन और पुलिस की प्रतिक्रिया
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
परिजनों और स्थानीय लोगों से पूछताछ की जा रही है।
आत्महत्या के पीछे कोई और कारण जुड़ा हो सकता है, इसकी भी जांच की जा रही है।