छत्तीसगढ़ ने कृषि क्षेत्र में एक और बड़ी छलांग लगाई है। कटहल उत्पादन में राज्य ने अब देश में पांचवां स्थान हासिल कर लिया है। यह जानकारी राजधानी रायपुर में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में सामने आई, जहां 400 से अधिक किसानों ने आधुनिक खेती के गुर सीखे।
कार्यशाला में कटहल और ड्रैगन फ्रूट की उन्नत खेती पर चर्चा हुई, जिसे लेकर कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने अहम सुझाव दिए। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि कटहल जैसे फलों की वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा देना समय की मांग है, जिससे राज्य के किसानों की आमदनी कई गुना बढ़ाई जा सकती है।
कटहल से उद्योगों की भी बंधेगी डोर
कार्यक्रम में बताया गया कि कटहल से न केवल सब्जी और फल का लाभ लिया जा सकता है, बल्कि इसके प्रसंस्करण से तैयार होने वाले उत्पादों की बाजार में भारी मांग है। इससे ग्रामीण युवाओं के लिए स्वरोजगार के नए रास्ते खुल सकते हैं।
ड्रैगन फ्रूट पर भी जोर
इस कार्यशाला में ड्रैगन फ्रूट की खेती को भी बढ़ावा देने पर चर्चा हुई। वैज्ञानिकों ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जलवायु इस फल के लिए अनुकूल है और इसकी खेती से किसानों को अच्छा लाभ मिल सकता है।
कृषि विश्वविद्यालय और उद्यानिकी विभाग की साझेदारी
कार्यक्रम का आयोजन इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय और उद्यानिकी विभाग की ओर से किया गया। मंच पर कई कृषि वैज्ञानिक, अफसर और विशेषज्ञ मौजूद रहे।
राज्य में कटहल से क्रांति की उम्मीद
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ देश का अग्रणी कटहल उत्पादक राज्य बन सकता है। इसके लिए जरूरी है कि किसानों को प्रशिक्षण, बीज, और बाजार की समुचित व्यवस्था मिले।
कुल मिलाकर यह कार्यक्रम राज्य के लिए एक बड़ी पहल साबित हो रहा है, जो आने वाले दिनों में फलों की खेती को नईदिशा दे सकता है।