नई दिल्ली/रायपुर – सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ में हुए बहुचर्चित कोयला घोटाले में फंसे चार प्रमुख आरोपियों – रानू साहू, सौम्या चौरसिया, समीर विश्नोई और व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी को कड़ी शर्तों के साथ अंतरिम जमानत दी है। यह फैसला न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने सुनाया।
हालांकि इन आरोपियों की जेल से रिहाई तत्काल नहीं होगी क्योंकि आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (EOW) द्वारा दर्ज अन्य मामलों में जांच अभी जारी है।
जमानत की शर्तें:
चारों आरोपियों को छत्तीसगढ़ में रहने की अनुमति नहीं होगी।
अदालत ने आदेश दिया है कि आरोपी जांच या मुकदमे की प्रक्रिया को प्रभावित न करें।
यह रोक गवाहों को प्रभावित करने की आशंका के चलते लगाई गई है।
क्या है छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के अनुसार, राज्य में कोयले के परिवहन और वितरण से जुड़े मामलों में भारी भ्रष्टाचार सामने आया है। आरोप है कि ऑनलाइन परमिट को ऑफलाइन कर 570 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध वसूली की गई।
ईडी ने अब तक इस मामले में 36 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और आरोपियों पर धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग), सरकारी तंत्र के दुरुपयोग और आपराधिक साजिश के आरोप लगाए हैं।
आगे की कार्रवाई:
अब सबकी निगाहें इस पर हैं कि क्या अन्य मामलों में भी आरोपियों को राहत मिलेगी, और ED तथा EOW की जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है। इस मामले में राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर बड़े नामों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है।