नई दिल्ली।
हर साल 8 जून को वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को ब्रेन ट्यूमर के बारे में जागरूक करना है। अक्सर लोग ब्रेन ट्यूमर को कैंसर समझ लेते हैं और घबरा जाते हैं, जबकि यह जरूरी नहीं कि हर ब्रेन ट्यूमर कैंसर हो।
मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, साकेत के न्यूरोसर्जरी एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. कपिल जैन ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर दो तरह के होते हैं – Benign (गैर-कैंसरस) और Malignant (कैंसरस)। करीब 72% मामलों में ट्यूमर Benign होता है।
Benign vs Malignant ट्यूमर: क्या है फर्क?
- Benign Tumor धीरे-धीरे बढ़ता है और शरीर के अन्य हिस्सों में नहीं फैलता। इसके लक्षण देर से सामने आते हैं।
- वहीं Malignant Tumor तेजी से बढ़ता है और इसके लक्षण हफ्ते भर में दिखने लगते हैं।
- MRI स्कैन (Plain और Contrast) के जरिए यह पता लगाया जाता है कि ट्यूमर कैंसरस है या नहीं।
ब्रेन ट्यूमर के सामान्य लक्षण
- लगातार सिरदर्द होना, विशेषकर उल्टी के साथ
- दौरे पड़ना
- धुंधला दिखना या दोहरी छवि आना
- सुनाई देने में कमी
- चक्कर आना या संतुलन बिगड़ना
- शरीर के किसी हिस्से में सुन्नता या कमजोरी
- याददाश्त और व्यवहार में बदलाव
इलाज और सावधानियाँ
- Benign ट्यूमर में कभी-कभी केवल रेडियोथेरेपी काफी होती है, लेकिन कुछ मामलों में सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।
- Malignant ट्यूमर के लिए सर्जरी, रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी तीनों की जरूरत होती है।
ब्रेन ट्यूमर से बचाव कैसे करें?
- अनावश्यक रेडिएशन से बचें
- कार्यस्थल पर सुरक्षा नियमों का पालन करें
- यदि परिवार में ब्रेन ट्यूमर का इतिहास हो तो Genetic Counselling लें
- HIV/AIDS जैसी बीमारियों को नियंत्रण में रखें ताकि इम्यून सिस्टम मजबूत बना रहे