भारत का पाक को करारा जवाब: सिंधु जल संधि पर यूएन मंच से किया बड़ा खुलासा

दुशांबे, ताजिकिस्तान। संयुक्त राष्ट्र के पहले ग्लेशियर सम्मेलन में भारत ने पाकिस्तान को सिंधु जल संधि और सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर जमकर आड़े हाथों लिया। 80 देशों और 70 से अधिक अंतरराष्ट्रीय संगठनों की मौजूदगी में भारत ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान खुद इस ऐतिहासिक जल संधि का उल्लंघन कर रहा है और भारत पर दोष मढ़ने की उसकी कोशिशें अब बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।

भारत के पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने यूएन मंच पर दो-टूक शब्दों में कहा कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला पाकिस्तान खुद सिंधु जल संधि को कमजोर कर रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान मंच का दुरुपयोग कर रहा है और ऐसे विषय उठा रहा है जिनका सम्मेलन से कोई लेना-देना नहीं।

सिंधु संधि की पृष्ठभूमि में बदले हालात

सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए, जिसका भारत ने कड़ा जवाब दिया। भारत ने साफ कहा कि सिंधु जल संधि के समय की परिस्थितियां अब बदल चुकी हैं—चाहे वह जनसंख्या वृद्धि हो, जलवायु परिवर्तन हो या तकनीकी उन्नति और आतंकवाद की बढ़ती घटनाएं। ऐसे में अब इस संधि की समीक्षा और पुनर्मूल्यांकन आवश्यक है।

भारत की जीरो टॉलरेंस नीति और वैश्विक अभियान

भारत सरकार आतंकवाद के प्रति ‘शून्य सहिष्णुता नीति’ पर कायम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि भारत अब किसी भी आतंकी हमले को युद्ध जैसा अपराध मानेगा और उसी के अनुसार जवाब देगा। इसी नीति के तहत भारत ने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों का गठन कर विभिन्न देशों में जाकर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को उजागर किया है।

रूस, जापान, यूएई, कतर और गुयाना जैसे देशों में भारतीय सांसदों ने पाकिस्तान के दुष्प्रचार का कड़ा खंडन करते हुए भारत का पक्ष मजबूती से रखा।

पाकिस्तान का झूठा प्रोपेगेंडा और भारत की सख्त प्रतिक्रिया

पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर के हालिया आतंकी हमलों के बाद खुद को ‘पीड़ित’ दिखाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भारत ने उसके इस प्रोपेगेंडा की पोल खोल दी है। 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या के बाद पाकिस्तान का दोहरा चेहरा उजागर हो चुका है।

भारत के सांसदों ने एकजुट होकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह संदेश दिया कि आतंकवाद पर अब नरमी नहीं बरती जाएगी, चाहे वह किसी भी रूप में सामने आए।

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