ड्रोन टेक्नोलॉजी अब आधुनिक युद्ध प्रणाली का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है। भारत ने भी इस क्षेत्र में तेज़ी से प्रगति की है और आज उसके पास ऐसे शक्तिशाली ड्रोन मौजूद हैं जो न केवल दुश्मनों पर पैनी नजर रखते हैं, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर उन्हें पल भर में खत्म करने की भी क्षमता रखते हैं। आइए जानते हैं भारत के वो 5 खतरनाक ड्रोन जिनसे दुश्मन देश भी थर-थर कांपते हैं।
1. हारोप ड्रोन (HAROP Drone)
इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज द्वारा निर्मित यह आत्मघाती ड्रोन भारत के सबसे खतरनाक हथियारों में से एक है। इसकी खासियत यह है कि यह दुश्मन की रडार प्रणाली का पता लगाकर सीधे उस पर हमला करता है और टारगेट से टकराकर खुद को विस्फोट से नष्ट कर देता है। इसकी रेंज लगभग 500 किलोमीटर है और यह 9 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है। इसकी तेज रफ्तार और सटीक हमले की क्षमता इसे ‘साइलेंट किलर’ बनाती है।
2. हेरोन मार्क-2 (Heron Mark-2)
यह एडवांस ड्रोन भारत ने 2023 में इजरायल से प्राप्त किया था। यह दुश्मन की गतिविधियों पर ऊंचाई से नजर रखता है और जरूरत पड़ने पर सटीक हमला कर सकता है। इसकी उड़ान सीमा 3000 किलोमीटर है और यह 24 घंटे से अधिक समय तक हवा में रह सकता है। इसमें हाई-टेक कैमरा, रडार और लेजर टारगेटिंग सिस्टम लगाए गए हैं।
3. कामिकाजे ड्रोन (Kamikaze Drone)
नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरीज द्वारा विकसित यह ड्रोन भारत की आत्मनिर्भर रक्षा प्रणाली का उदाहरण है। यह एक आत्मघाती ड्रोन है जो दुश्मन के ठिकानों पर हमला करके खुद को विस्फोट में नष्ट कर देता है। यह 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ता है और 1000 किलोमीटर तक ऑपरेशन कर सकता है। इसकी छोटी बनावट और लो-रेडार सिग्नेचर इसे पकड़ पाना कठिन बनाते हैं।
4. हर्मीस 900 (Hermes 900)
अडानी डिफेंस और इजरायली कंपनी एल्बिट सिस्टम्स की साझेदारी से बना यह ड्रोन भारत की सुरक्षा का मजबूत प्रहरी है। यह 30 घंटे से ज्यादा तक 30,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है। इसकी खासियत है – हर मौसम में स्पष्ट निगरानी और टारगेट की सटीक पहचान करने की क्षमता।
5. एमक्यू-9 रीपर (MQ-9 Reaper)
अमेरिकी तकनीक से निर्मित यह ड्रोन दुनिया के सबसे खतरनाक यूएवी में गिना जाता है। भारत के पास इसका उन्नत संस्करण है जो निगरानी, जासूसी और सटीक हमलों के लिए प्रसिद्ध है। यह 50,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है और लगभग 1900 किलोमीटर की ऑपरेशन रेंज रखता है। इसकी गति 482 किलोमीटर प्रति घंटा है और यह 1700 किलो से अधिक हथियार या उपकरण ले जा सकता है।