मुख्य कीवर्ड (Focus Keyphrase in Hindi):भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की सिंधु जल समझौते को लेकर की जा रही भ्रामक बयानबाजी का करारा जवाब दिया है। भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वथानेनी हरीश ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वह पिछले 65 वर्षों में इस ऐतिहासिक समझौते की भावना का लगातार उल्लंघन करता आया है।
पाकिस्तान की साजिश को भारत ने किया बेनकाब
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एरिआ फॉर्मूला बैठक में पानी की सुरक्षा पर चर्चा के दौरान पाकिस्तान ने भारत पर सिंधु जल समझौते को तोड़ने का झूठा आरोप लगाया। इस पर भारतीय प्रतिनिधि पी. हरीश ने पाकिस्तान की असलियत उजागर करते हुए कहा कि, “भारत ने इस समझौते को सद्भावना और दोस्ती की भावना से किया था, लेकिन पाकिस्तान ने तीन युद्ध थोपे और हजारों आतंकी हमले कर इस भावना को रौंदा है।”
सालों से निभाई जा रही भारतीय जिम्मेदारी
भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि वह अब तक सिंधु जल समझौते के नियमों का ईमानदारी से पालन करता रहा है। लेकिन जब पाकिस्तान आतंकवाद को प्रायोजित कर शांति को खतरे में डालता है, तब भारत के पास कड़ा रुख अपनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता। यही कारण था कि भारत ने पहलगाम हमले के बाद इस समझौते को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया था।
समझौते की प्रस्तावना का उल्लेख
भारतीय प्रतिनिधि ने सिंधु जल समझौते की प्रस्तावना को उद्धृत करते हुए बताया कि इस दस्तावेज़ में स्पष्ट रूप से ‘अच्छी भावना और दोस्ती’ की बात कही गई है। लेकिन पाकिस्तान द्वारा युद्ध और आतंक की राह अपनाकर इस प्रस्तावना की मूल भावना का उल्लंघन किया गया है।
भारत का मजबूत और तथ्यपूर्ण जवाब
भारत ने न केवल पाकिस्तान के दुष्प्रचार को तथ्यों के साथ खारिज किया, बल्कि यह भी दर्शाया कि उसकी नीति जिम्मेदारी, मित्रता और क्षेत्रीय स्थिरता पर आधारित रही है। भारत की यह प्रतिक्रिया पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेनकाब करने के लिए पर्याप्त मानी जा रही है।